Highlights
- दुनिया के इन दो क्षेत्रों में हैं मंकीपॉक्स के 95 फीसदी मामले
- भारत से इनकी नजदीकी खतरे की घंटी
- दुनियाभर में अब तक आए हैं 18 हजार मंकीपॉक्स के मामले
Monkeypox: मंकीपॉक्स का कहर तेजी से अपना असर पूरी दुनिया में दिखा रहा है। भारत भी अब इससे अछूता नहीं है। यहा भी अब तक पांच मामले सामने आ गए हैं। हालांकि भारत के लिए बात यहीं खत्म नहीं हो जाती है, खतरा अभी बरकरार है। दरअसल दुनिया के दो क्षेत्रों में मंकीपॉक्स के 95 फीसदी मामले दर्ज किए गए हैं। यह दो क्षेत्र अमेरिका और यूरोप हैं। अमेरिका में जहां दुनिया के कुल मामलों के 70 फीसदी केस हैं तो यूरोप में 25 फीसदी केस सामने आए हैं। भारत के लोग इन दोनों ही देशों में भारी मात्री में रहते हैं और ट्रैवेल करते हैं। ऐसे में भारत के लिए खतरा बढ़ गया है, क्योंकि यहां से आया हुआ यात्री अगर संक्रमित हुआ तो वह दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है। जबकि दुनिया की बात करें तो मंकीपॉक्स अब तक 78 देशों में फैल चुका है और कुल 18 हजार मामले सामने आ चुके हैं।
भारत तैयारी में जुट गया है
देश और दुनिया में मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए भारत सरकार अब बिल्कुल अलर्ट मोड में आ गई है। कोरोना से सबक लेते हुए सरकार ने देश में मंकीपॉक्स के मामलों को देखते हुए इसकी वैक्सीन को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स की वैक्सीन बनाने के लिए टेंडर निकाला है। सरकार ने इसकी वैक्सीन बनाने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) लेकर आई है यानी कि टेंडर लेकर आई है। ये EOI मंकीपॉक्स की वैक्सीन बनाने और उसकी जांच करने के लिए टेस्ट किट बनाने को लेकर आई है। देश में मंकीपॉक्स के अब तक 5 मामले सामने आए हैं।
दुनिया में अब तक मंकी पॉक्स की वजह से 5 लोगों की मौत
मंकीपॉक्स अभी तक 18 देशों में फैला हुआ है। इन देशों में अभी तक कुल 18 हजार मामले सामने आ चुके हैं। बता दें कि 70 फीसदी मामले यूरोपीयन देशों से सामने आए हैं तो वहीं 25 फीसदी मामले अमेरिकी क्षेत्र से हैं। पूरी दुनिया की बात करें तो मंकीपॉक्स की वजह से अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं भारत में 5 केस आए हैं पर मौत किसी की नहीं हुई है। दुनिया में 10 फीसदी ऐसे मरीज हैं जिन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत पड़ी है।