Highlights
- मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों से फैली दहशत
- दुनियाभर में 26 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित
Monkeypox: इस साल मई के बाद से दुनियाभर में मंकीपॉक्स के 26,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिसके चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करना पड़ा है। मंकीपॉक्स वायरस के बारे में असामान्य बात यह है कि इसके ज्यादातर मामले उन देशों में सामने आए हैं, जहां आमतौर पर यह वायरस नहीं पाया जाता। इसके अलावा मुख्य रूप से मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में मिले वाले पिछले वायरसों के विपरीत यह वायरस संक्रमित पशु के संपर्क में आने से नहीं बल्कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल रहा है। दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामलों में वृद्धि हो रही है। ऐसी चिंताएं भी हैं कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो मंकीपॉक्स अमेरिका और यूरोप जैसे उन क्षेत्रों में भी स्थानिक रोग के तौर पर जगह बना सकता है, जहां आमतौर पर यह नहीं पाया जाता है।
काबू पाना मुश्किल हो सकता है
स्थानिक रोग आम तौर पर किसी क्षेत्र विशेष में अक्सर सामने आने वाली बीमारी होती हैं जिन पर काबू पाना मुश्किल होता है। मंकीपॉक्स काफी चिंताजनक है, यह मानने के कई कारण हैं। पहला कारण यह है कि यह बीमारी मनुष्य से मनुष्य में फैल रही है। मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के करीब जाने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उसके पास मौजूद व्यक्ति के संक्रमित होने की आशंका रहती है। इसके अलावा कपड़े और बिस्तर साझा करने से भी इसके फैलने का खतरा रहता है। मंकीपॉक्स अन्य वायरसों के तुलना में बहुत संक्रामक नहीं है। अफ्रीका में फैले पिछले वायरसों के अध्ययन से पता चलता है कि किसी व्यक्ति के किसी संक्रमित के संपर्क में आने पर बीमार पड़ने की आशंका लगभग तीन प्रतिशत है।
मंकीपॉक्स वायरस को लेकर बढ़ी चिंता
हालांकि हम अब तक यह नहीं जान पाए हैं कि मंकीपॉक्स का मौजूदा स्वरूप कितना संक्रामक है। यह चिंता की बात है। यह इसलिए विशेष रूप से चिंता का विषय है साल 2016 में कांगो में इस तरह के वायरस के प्रकोप के दौरान यह देखा गया कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद किसी व्यक्ति के संक्रमित होने की आशंका 50 प्रतिशत रहती है। मंकीपॉक्स वायरस को लेकर एक और चिंता की बात यह है कि यह विशिष्ट आबादी के बीच फैल रहा है, जिनमें मुख्य रूप से वे पुरुष शामिल हैं, जो पुरुषों से यौन संबंध बनाते हैं। मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों में से 98 प्रतिशत लोग इसी वर्ग के हैं। इसके अलावा दूसरी लैंगिक पहचान के लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।