Highlights
- मरीज के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं: डीएमओ
- 'रिपोर्ट आने के बाद संक्रमण की पुष्टि की जा सकती है'
- मरीज मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पृथक वार्ड में है
Monkeypox in India: विदेश से केरल पहुंचे एक युवक को मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के संदेह में कन्नूर के परियाराम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। जिला चिकित्सा अधिकारी (डीएमओ) ने यह जानकारी दी। शनिवार को मेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे एक युवक को इससे संक्रमित होने के संदेह में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
डीएमओ ने कहा, "मरीज के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद ही संक्रमण की पुष्टि की जा सकती है।" मरीज फिलहाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पृथक वार्ड में है। वहीं, केरल में मंकीपॉक्स के मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर राज्य के अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर 'हेल्प डेस्क' स्थापित करने के साथ ही चिकित्सकों और स्थानीय निकाय के अधिकारियों को व्यापक प्रशिक्षण देने जैसे कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
आंध्र प्रदेश में बच्ची के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने का था संदेह
वहीं, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में दो साल की बच्ची के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने का संदेह था, लेकिन पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में उसके रक्त के नमूने की जांच में पुष्टि हुई है कि उसे संक्रमण नहीं है। राज्य के स्वास्थ्य निदेशक जे. निवास ने कहा कि दुबई से विजयवाड़ा आई दो साल की बच्ची के हाथों पर छाले मिले थे। उसे रविवार को अपने परिवार के सदस्यों के साथ सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया और एहतियात के तौर पर अलग थलग रखा गया।
निवास ने एक विज्ञप्ति में कहा, "हमने बच्ची के रक्त के नमूनों को जांच के लिए एनआईवी-पुणे भेजा और उनमें मंकीपॉक्स संक्रमण नहीं मिला। बच्चे का परिवार किसी और के संपर्क में नहीं आया।'' निवास ने कहा, ''आंध्र प्रदेश में मंकीपॉक्स का कोई मामला नहीं है। चिंता की कोई बात नहीं है।''
गौरतलब है कि देश में 14 जुलाई को केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला दर्ज किया था। वह व्यक्ति यूएई से लौटा था और वायरस से संक्रमित पाया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, मंकीपॉक्स एक जूनोसिस वायरल (पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस) है, जिसमें चेचक की तरह लक्षण दिखाई देते हैं।