Highlights
- केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स की वैक्सीन के लिए टेंडर निकाला
- अब तक दुनिया के 78 देशों में फैल चुका है मंकीपॉक्स
- भारत में भी मंकीपॉक्स के 5 मरीज सामने आए हैं
MonkeyPox In India: देश और दुनिया में मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए भारत सरकार अब बिल्कुल अलर्ट मोड में आ गई है। कोरोना से सबक लेते हुए सरकार ने देश में मंकीपॉक्स के मामलों को देखते हुए इसकी वैक्सीन को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स की वैक्सीन बनाने के लिए टेंडर निकाला है। सरकार ने इसकी वैक्सीन बनाने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) लेकर आई है यानी कि टेंडर लेकर आई है। ये EOI मंकीपॉक्स की वैक्सीन बनाने और उसकी जांच करने के लिए टेस्ट किट बनाने को लेकर आई है। देश में मंकीपॉक्स के अब तक 5 मामले सामने आए हैं। दुनिया की बात करें तो मंकीपॉक्स अब तक 78 देशों में फैल चुका है और कुल 18 हजार मामले सामने आ चुके हैं।
पब्लिक-प्राइवेट मोड में होगी यह EOI
सरकार ने इस EOI को पब्लिक-प्राइवेट मोड में लाने का फैसला किया है। इसमें मंकीपॉक्स की वैक्सीन और उसकी जांच के लिए टेस्ट किट बनाई जानी है। जो भी कंपनिया इसमें इन्वेस्ट करने का सोच रही हैं वह 10 अगस्त तक EOI भरकर जमा कर सकती हैं। भारत में अब तक कुल मंकीपॉक्स के 5 मामले सामने आ चुके हैं और कुछ मामले अभी संदिग्ध हैं जिनका पता टेस्ट रिपोर्ट आने पर ही चलेगा।
दुनिया में अब तक मंकी पॉक्स की वजह से 5 लोगों की मौत
मंकीपॉक्स अभी तक 18 देशों में फैला हुआ है। इन देशों में अभी तक कुल 18 हजार मामले सामने आ चुके हैं। बता दें कि 70% मामले यूरोपीयन देशों से सामने आए हैं तो वहीं 25% मामले अमेरिकी क्षेत्र से हैं। पूरी दुनिया की बात करें तो मंकीपॉक्स की वजह से अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं भारत में 5 केस आए हैं पर मौत किसी की नहीं हुई है। दुनिया में 10% ऐसे मरीज हैं जिन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत पड़ी है।
मंकीपॉक्स कैसे फैल सकता है
- विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैलता है।
- यह तब होता है जब आप एक व्यक्ति के खांसने या छींकने पर हवाई बूंदों के संपर्क में आते हैं। इसके लिए लंबे समय तक आमने-सामने संपर्क की आवश्यकता होती है, या यह शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से भी हो सकता है।
- यौन संबंध से भी ये वायरस फैल सकता है। ऐसे मर्द जो मर्दों के साथ सेक्स करते हैं उन्हें इसका ज्यादा खतरा बताया जा रहा है।
- यह वायरस से दूषित सामग्री के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क से भी आने से फैल सकता है, इसमें संक्रमित व्यक्ति या जानवर द्वारा उपयोग किए जाने वाले कपड़े, रक्तस्राव या अन्य लिनेन शामिल हो सकते हैं।
मंकीपॉक्स से कैसे बचें
एक्सपर्ट्स की मानें तो कुछ चीजों का ध्यान रखकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। इसमें सेक्स करते समय पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक जितने भी मामले सामने आए हैं उनमें से 98% मामलों में सभी सेक्सुअल एक्टिविटीज से ही फैले हुए हैं। इस पर WHO का कहना है कि मंकीपॉक्स को लेकर जागरूकता फैले जिससे यह बीमारी बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं तक न पहुंचे।
मंकीपॉक्स की वैक्सीन है लेकिन...
दुनिया में मंकीपॉक्स की वैक्सीन पहले से मौजूद है। आपको बता दें कि स्मालपॉक्स की एक वैक्सीन MVA-BN को मंकीपॉक्स के दवा की तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। कनाडा, यूरोपीयन यूनियन और अनेरिका ने इसके इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। मंकीपॉक्स की एक और भी दवा है जिसका नाम LC16 और ACAM2000 है लेकिन अभी तक इसके असर की पूरी जानकारी नहीं है इसलिए इसकी कितनी डोज लें यह अभी कुछ कंफर्म नहीं है।
केंद्र सरकार का सही फैसला
मंकीपॉक्स को लेकर केंद्र सरकार की सतर्कता एक अच्छी पहल मानी जा सकती है। कोरोना में तैयारियों में देरी की वजह से ही संक्रमण को रोकने में हम विफल रहे थे लेकिन समय रहते ही केंद्र सरकार का वैक्सीन को लेकर टेंडर निकालने का फैसला बिल्कुल सही है। पहले से जो वैक्सीन मौजूद हैं उन्हें लेकर चुनौतियां भी तमाम हैं MVA-BN की दुनिया भर में 16 मिलियन डोज़ है जिन्हें बल्क में रखा गया है। अभी इसके इस्तेमाल के लिए इन्हें छोटी शीशियों में भरा जाएगा जिसमें कई महीनों का वक्त लग जाएगा।