Highlights
- अगर हमें समाप्त होना होता तो हम पिछले 1000 साल में हो जाते लेकिन ऐसा नहीं हुआ: भागवत
- मोहन भागवत ने कहा, 'कोई भी बात जो आपस में झगड़ा कर ने कहा, 'कोई भी बात जो आपस में झगड़ा कराने वाली है, उसमें हम नहीं जाएंगे
- आज भी भारत में 5000 साल पुराना सनातन धर्म वैसे का वैसा मौजूद: भागवत
Mohan Bhagwat In Hyderabad: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हैदराबाद में हैदराबाद में संत श्री रामानुजाचार्य के सहस्राब्दी समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में सनातन धर्म की अहमियत को बताया। उन्होंने कहा कि हमारे सामने खड़े होने की ताकत किसी में नहीं है। आज भी भारत में 5000 साल पुराना सनातन धर्म वैसे का वैसा मौजूद है। कार्यक्रम में उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शरीक हुए। हैदराबाद में मोहन भागवत ने कहा कि 'हिंदू हित' यानी 'राष्ट्र हित' हमारी प्राथमिकता होना चाहिए। दूसरे नंबर पर अपनी भाषा, जाति और परिवार का हित होना चाहिए। मोहन भागवत ने कहा, 'कोई भी बात जो आपस में झगड़ा कराने वाली है, उसमें हम नहीं जाएंगे, कोई भी बात जो हमें डरपोक बनाने वाली है, उसमें भी हम नहीं जाएंगे। हम स्वाभिमान से जिएंगे और सृष्टि का पालन-पोषण करेंगे। इस तरह का जीवन जीने का संकल्प हमारा होना चाहिए।'
'जो हमें नष्ट करने पर तुले थे, उनके पैर खोखले हो रहे हैं'
उन्होंने कहा, 'हमारे पास ऐसा सामर्थ्य है कि हमारे सामने खड़े होने की ताकत किसी में नहीं है। हमें समाप्त करने का बहुत प्रयास किया गया।' आरएसएस प्रमुख ने हैदराबाद में कहा, 'अगर हमें समाप्त होना होता तो हम पिछले 1000 साल में हो जाते लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जो हमको नष्ट करने पर तुले थे, उनके पैर खोखले हो रहे हैं। हम वैसे के वैसे हैं। आज भी भारत में 5000 साल पुराना सनातम धर्म वैसे का वैसा देखने को मिलता है।'
216 फुट ऊंची 'स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी' के दर्शन किए
भागवत और साथ में मौजूद शिवराज ने इस दौरान स्वामी रामानुजाचार्य की याद में बनाए गए स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी (Statue of Equality) के दर्शन किए। हैदराबाद के बाहरी इलाके में श्रीरामनगरम, जीवा कैंप्स में स्थित स्टैट्यू ऑफ इक्वालिटी, स्वामी रामानुजाचार्य की प्रतिमा का नाम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल पांच जनवरी को 216 फुट ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ प्रतिमा का अनावरण किया था। यह ‘पंचधातु’ से बनी है जिसमें सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता शामिल हैं। यह दुनिया में बैठी अवस्था में सबसे ऊंची धातु की प्रतिमाओं में से एक है।