नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि देश में नक्सली हिंसा की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है और इसके भौगोलिक विस्तार में भी गिरावट की प्रवृत्ति जारी है। सरकार के मुताबिक, नक्सली घटनाओं में मारे जाने वाले सैन्यकर्मियों और आम नागरिकों की संख्या में भी 80 प्रतिशत की गिरावट आई है। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि वामपंथी उग्रवादी सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमले करते हैं और आम नागरिकों तथा सार्वजनिक संपत्ति को भी निशाना बनाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वामपंथी उग्रवाद संबंधी हिंसा की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2009 में अब तक की सर्वाधिक 2258 घटनाएं हुई थी जो कम होकर वर्ष 2020 में 665 हो गई है।’’ उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं में जान गंवाने वाले आम नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की संख्या में भी 80 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा, ‘‘वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में वर्ष 2010 में अब तक सर्वाधिक 1005 आम नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी जो कम होकर वर्ष 2020 में 183 हो गई है।’’
राय ने दावा किया कि नक्सली हिंसा का भौगोलिक विस्तार भी सीमित हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2013 में 10 राज्यों के 76 जिलों की तुलना में नौ राज्यों के केवल 53 जिलों ने वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की सूचना दी है। वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की घटनाओं और इसके भौगोलिक विस्तार में गिरावट की प्रवृत्ति वर्ष 2021 में भी जारी है।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद का समग्र रूप से समाधान करने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2015 में एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना बनाई है, जिसमें सुरक्षा संबंधी उपायों तथा विकासात्मक हस्तक्षेप सहित एक बहुआयामी कार्यनीति की परिकल्पना की गई है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अन्य बातों के साथ-साथ उन्नत उपकरण और हथियार, हेलीकॉप्टर आदि के लिए निधियां प्रदान करके वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्य सरकारों के प्रयासों में मदद भी करती रही है।
राय ने कहा कि इसके अतिरिक्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, वामपंथी उग्रवाद वाले राज्यों में ऑपरेशनल आवश्यकता के लिए उपकरणों, विशेष वाहनों आदि के विकास के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ व्यापक रूप से कार्य करते हैं।