Highlights
- 1969 में द्रमुक के पहले अध्यक्ष बने थे करुणानिधि
- स्टालिन द्रमुक के कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं
- दुरईमुरुगन को चुना गया पार्टी का महासचिव
K Stalin: द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के दिग्गज नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को रविवार को हुई पार्टी की आम परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष चुना गया। पार्टी सूत्रों के अनुसार, नवगठित आम परिषद की बैठक में स्टालिन को पार्टी के शीर्ष पद के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।
शुक्रवार को किया था नामांकन
अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए स्टालिन ने शुक्रवार को ही नामांकन पत्र दाखिल किया था। स्टालिन ने पार्टी मुख्यालय अन्ना अरिवालयम पहुंचकर पार्टी के अहम पद के चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। इस दौरान पार्टी के महासचिव सहित कई वरिष्ठ नेताओं और राज्य के मंत्री दुरईमुरुगन, कोषाध्यक्ष टी आर बालू, सांसद कनिमोई और ए राजा के अलावा द्रमुक युवा शाखा के सचिव और विधायक उदयनिधि स्टालिन सहित कई वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री के नामांकन पत्र दाखिल करने के समय मौजूद थे।
दुरईमुरुगन को चुना गया पार्टी का महासचिव
पार्टी के वरिष्ठ नेता दुरईमुरुगन और टी आर बालू को निर्विरोध रूप से क्रमश: महासचिव और कोषाध्यक्ष चुना गया। तीनों नेता दूसरी बार अपने पदों पर निर्वाचित हुए हैं। मुख्यमंत्री स्टालिन का यहां आम परिषद के बैठक स्थल पहुंचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
स्टालिन द्रमुक के कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं
द्रमुक के 15वें संगठनात्मक चुनाव के तौर पर पार्टी अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष राज्य में विभिन्न स्तरों पर पार्टी के पदों के चुनाव के बाद निर्वाचित हुए हैं। दिवंगत एम करुणानिधि के छोटे बेटे 69 वर्षीय स्टालिन द्रमुक के कोषाध्यक्ष और युवा इकाई के सचिव समेत पार्टी के कई पदों पर रह चुके हैं। स्टालिन को करुणानिधि के निधन के बाद 2018 में पार्टी का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया था। स्टालिन द्रमुक के दूसरे अध्यक्ष हैं।
1969 में द्रमुक के पहले अध्यक्ष बने थे करुणानिधि
करुणानिधि 1969 में द्रमुक के पहले अध्यक्ष बने और तब पहली बार पार्टी में अध्यक्ष पद बनाया गया था। द्रविड़ आंदोलन के प्रतीक और द्रमुक के संस्थापक सी एन अन्नादुरई 1969 में अपने निधन तक पार्टी के शीर्ष महासचिव पद पर रहे थे। द्रमुक की स्थापना 1949 में हुई थी।