केरल के वायनाड में भारतीय सेना ने भूस्खलन के चार दिन बाद चार लोगों को जिंदा बाहर निकाला है। इनमें दो महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। चारों एक ही परिवार के हैं। इनके रिश्तेदारों की सूचना पर बचावकर्मी इस इलाके में पहुंचे थे। ये लोग पदावेट्टी कुन्नू में फंसे हुए थे। इनमें से एक महिला को चलने में दिक्कत आ रही है। महिला का इलाज किया जा रहा है। भूस्खलन के चौथे दिन शुक्रवार को बचावकर्मियों की 40 टीम ने बारिश और प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच तलाश एवं बचाव अभियान शुरू किया और चार लोगों को बचाया।
भारतीय सेना की तरफ से कहा गया कि ऑपरेशन को सटीकता और सावधानी के साथ अंजाम दिया गया, जिससे सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। घायलों को निकालने में समन्वय बनाया गया और बचाव कार्य को सुविधाजनक बनाने के लिए लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) का उपयोग किया गया। ऑपरेशन की तेजी के चलते मलबे के बीच फंसे हुए लोगों को समय पर निकाला जा सका है।
ब्रिज बनने से बचाव कार्य में तेजी
अधिकारियों ने बताया कि 190 फुट लंबे ‘बेली ब्रिज’ का निर्माण पूरा होने से बचाव अभियान में तेजी आई है। इस पुल के जरिए खुदाई करने वाली मशीनों सहित भारी मशीनें और एम्बुलेंस मुंडक्कई और चूरलमाला तक पहुंच पाएंगी। बचावकर्मियों की 40 टीम भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के छह जोन अट्टामाला और आरणमाला, मुंडक्कई, पुंचिरिमट्टम,वेल्लारीमाला गांव, जीवीएचएसएस वेल्लारीमाला में पीड़ितों की तलाश करेंगी। बचावकर्मियों की टीम में सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) , डीएसजी, तटरक्षक बल, नौसेना और एमईजी के कर्मियों के साथ-साथ तीन स्थानीय लोग और वन विभाग का कर्मचारी शामिल होगा।
चलियार नदी में भी होगी तलाश
अधिकारियों के अनुसार इसके अलावा चलियार नदी में भी पीड़ितों की तलाश की जाएगी। उन्होंने बताया कि चालियार के 40 किलोमीटर क्षेत्र में स्थित आठ पुलिस थाने के पुलिसकर्मी और स्थानीय तैराक बलों के साथ मिलकर उन शवों की खोज करेंगे, जो संभवतः बहकर नीचे चले गए हैं या नदी के किनारे फंसे हुए हैं। बचाव योजना के अनुसार, तटरक्षक बल, नौसेना और वन विभाग के कर्मी संयुक्त रूप से नदी के किनारों और उन क्षेत्रों पर तालाश अभियान संचालित करेंगे जहां शव फंसे होने की आशंका है। राजस्व मंत्री के. राजन ने एक दिन पहले कहा था कि मलबे में दबे शवों का पता लगाने के लिए दिल्ली से ड्रोन आधारित रडार शनिवार को वायनाड लाया जाएगा। (इनपुट- एएनआई/पीटीआई भाषा)
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