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सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने लिया बड़ा एक्शन, फर्जी खबरें फैलानेवाले नौ यूट्यूब चैनलों का किया पर्दाफाश

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नौ ऐसे यूट्यूब चैनलों का पर्दाफाश किया जो फर्जी खबरें फैलाते हैं। इन चैनलों के सब्सक्राइबर की संख्या 11,700 से 34.70 लाख तक है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Dec 01, 2023 23:59 IST, Updated : Dec 02, 2023 6:23 IST
Youtube
Image Source : फाइल प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली : देश भर में साइबर ठगी के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। अब AI के इस्तेमाल लोगों को कानून और पुलिस का डर दिखाकर ठगने में किया जा रहा है। ऐसे एक नहीं कई मामले सामने आए हैं। इसी बीच आज ही सरकार ने 9 यूट्यूब चैनल्स के ख़िलाफ़ एक्शन लिया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने फर्जी खबरें और गलत सूचना फैलाने वाले नौ यूट्यूब चैनलों का पर्दाफाश किया है।

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बेबुनियाद और झूठी खबरें दिखा रहे थे

ये चैनल फर्जी और बेबुनियाद खबरें दिखा रहे थे। ये चैनल कभी गवर्नमेंट स्कीम्स के बारे में झूठे दावे करते थे। कभी प्राकृतिक आपदा के नाम पर अफ़वाहें फैलाते थे। कभी क्राइम तो कभी समाज के एक तबक़े ऊपर ज़ुल्म की फ़र्ज़ी ख़बरें फैला रहे थे।एक यू-ट्यूब चैनल, सरकारी योजना ऑफ़िशियल के नाम से चल रहा था। इसके एक लाख सब्सक्राइबर हैं और इसके वीडियो को 29 लाख से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं। फेक न्यूज़ फैलाने वाला एक और यू-ट्यूब चैनल पर सरकार ने एक्शन लिया है। इसका नाम सनसनी लाइव टीवी है जो देश के अलग अलग हिस्सों में क़ुदरत के क़हर की झूठी अफ़वाहें फैलाता रहा था। इस चैनल के चार लाख सब्सक्राइबर हैं और 11 करोड़ से अधिक व्यूज़ हैं।

लाखों में है सब्सक्राइबर संख्या

जिन नौ यूट्यूब चैनलों का सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पर्दाफाश किया है उनमें 'भारत एकता न्यूज', 'बजरंग एजुकेशन', 'बीजे न्यूज', 'सनसनी लाइव टीवी', 'जीवीटी न्यूज', 'डेली स्टडी', 'अब बोलेगा भारत', , 'सरकारी योजना ऑफिशियल' और 'आपके गुरुजी' शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा, “पीआईबी की तथ्यान्वेषण इकाई (एफसीयू) ने भारत में फर्जी खबरें और गलत सूचना फैलाने वाले नौ यूट्यूब चैनलों का भंडाफोड़ किया है। इकाई ने इन चैनलों द्वारा फैलाई गई झूठी सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए नौ अलग-अलग ट्विटर थ्रेड में कई तथ्यान्वेषण जारी किए हैं।” इन चैनलों के सब्सक्राइबर की संख्या 11,700 से 34.70 लाख तक है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन यूट्यूब चैनलों ने भारत के प्रधान न्यायाधीश, प्रधानमंत्री, मुख्य निर्वाचन आयुक्त सहित संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों के लिए अपमानजनक बयानों को गलत तरीके से प्रसारित किया। 

रजत शर्मा की तस्वीर का किया गलत इस्तेमाल

एक यू-ट्यूब चैनल, सरकारी योजना ऑफ़िशियल के नाम से चल रहा था। इस यू-ट्यूब चैनल ने 8 नवंबर को इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा फोटो लगाकर एक वीडियो पोस्ट किया इसमें दावा किया गया था कि भीषण संकट की वजह से स्कूल बंद कर दिए गए हैं। एक और वीडियो में रजत शर्मा की फोटो वाली थंबनेल लगाकर ये फ़र्ज़ी ख़बर फैलाई गई कि क़ुदरत के क़हर से एक हज़ार लोगों की जान चली गई है।पूरे देश में पुलिस फ़ोर्स तैनात कर दी गई है। जबकि ये बिल्कुल फर्जी खबर थी। 3 नवंबर को भी इस चैनल ने ऐसा ही वीडियो पोस्ट किया, और दावा किया कि 22 राज्यों के लिए एलर्ट जारी हुआ है। 50 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान चली गई। 99 साल का रिकॉर्ड टूटने वाला है। ये सारी खबरें फर्जी और झूठी थीं। (इनपुट-एजेंसी)

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