Highlights
- रिटायर हो जाएगा MIG-21 स्क्वाड्रन
- विंग कमांडर अभिनंदन ने इसी से खाक में मिलाया था पाकिस्तानी लड़ाकू विमान
- कई युद्धों में इस्तेमाल हो चुका है विमान
भारतीय वायुसेना अपने लड़ाकु विमान MIG-21 स्क्वाड्रन स्वॉर्ड आर्म्स को रिटायर करने को तैयार है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ये विमान सितंबर 2022 के आखिरी सप्ताह तक रिटायर हो जाएगा। ऐसे तो मिग ने भारतीय वायुसेना में रहते हुए कई कारनामें किए हैं, लेकिन फरवरी 2019 में जह भारतीय वायुसेना ने बालाकोट एयर स्ट्राइक किया था तो उसमें इस फाइटर जेट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने उस एयर स्ट्राईक में अपने मिग-21 से पाकिस्तान के F-16 आधुनिक फाइटर जेट को खाक में मिला दिया था।
तीन स्क्वाड्रन 2025 तक होंगे रिटायर
स्वॉर्ड आर्म्स MIG-21 वायुसेना के चार स्क्वाड्रन में से एक है। वायुसेना की योजना के मुताबिक 2022 के सितंबर महीने के आखिकी हफ्ते में श्रीनगर में तैनात स्क्वाड्रन को रिटायर किया जाएगा। जबकि बाकी के बचे तीन स्क्वाड्रन को 2025 तक हटा दिया जाएगा। आपको याद होगा जब 26 फरवरी 2019 को बालाकोट एयर स्ट्राइक में वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर बमबारी कर उन्हें खत्म किया था, तो उसका बदला लेने के लिए पाकिस्तान के फाइटर जेट 27 फरवरी को उसका बदला लेने के लिए भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास करने लगे थे। लेकिन भारतीय वायुसेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था और उनके फाइटर जेट को खदेड़ दिया था। हालांकि, इस दौरान विंग कमांडर अभिनंदन का विमान क्रैश हो गया था, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया था। हालांकि, भारत के दबाव के चलते महज 60 घंटों में पाकिस्तान ने विंग कमांडर अभिनंदन को भारत के हवाले कर दिया था।
कई बार हादसे का शिकार हुआ मिग
1963 से लेकर 2022 तक 400 से ज्यादा विमान क्रैश हो गए हैं, जिसमें 200 से अधिक जवानों ने अपनी जान गंवा दी है। इन हादसों के कारण से इस विमान का फ्लाइंग कॉफिन या विडो मेकर के नाम से बुलाया जाता है यानी सरल भाषा में आप समझ ले कि ये जहाज मौत का ताबुत है। हाल के रिपोर्ट की बात करें तो सिर्फ बाड़मेर जिले में ही 9 साल के भीतर 8वीं बार ये जेट क्रैश हो गया है।
इन युद्धों में किया गया है प्रयोग
एक जमाने इस विमान की शक्ति से दुश्मन देश कांप उठते थे। इसका हमला इतना घात होता था कि दुश्मन पहले ही हाथ खड़े कर लेते थे। इस विमान को सबसे पहले प्रयोग 1965 में किया गया था लेकिन इस विमान के असली ताकत का अंदाजा 1971 के वार में देखने को मिला जब इस जहाज ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए थे।