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MIG Service Termination: 2025 तक सभी MIG-21 स्क्वाड्रन को अपने बेड़े से हटाएगी वायुसेना, बेहद पुराने हो चुके विमान लगातार हो रहे क्रैश

MIG Service Termination: भारतीय वायुसेना ने अपने बेड़े में बचे चार मिग-21 लड़ाकू स्क्वाड्रन को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए अगले तीन सालों की समयसीमा तय की है।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Jul 29, 2022 21:38 IST, Updated : Dec 14, 2022 23:39 IST
 IAF set to retire all 4 MiG-21 squadrons by 2025
Image Source : FILE PHOTO IAF set to retire all 4 MiG-21 squadrons by 2025

Highlights

  • MIG-21 लड़ाकू स्क्वाड्रन को हटाने की तैयारी में IAF
  • योजना वायुसेना के आधुनिकीकरण अभियान का हिस्सा
  • करगिल युद्ध समेत कई अहम ऑपरेशन्स में रही भूमिका

MIG Service Termination: भारतीय वायुसेना ने अपने बेड़े में बचे चार मिग-21 लड़ाकू स्क्वाड्रन को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए अगले तीन सालों की समयसीमा तय की है। इसके बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने शुक्रवार को बताया कि इनमें से एक स्क्वाड्रन को इसी साल सितंबर में हटाए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वायुसेना अगले पांच सालों में मिग-29 लड़ाकू विमानों के तीन स्क्वाड्रन को भी चरणबद्ध तरीके से हटाने की योजना बना रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि सोवियत मूल के विमान बेड़े को चरणबद्ध तरीके से हटाने की योजना वायुसेना के आधुनिकीकरण अभियान का हिस्सा है। 

बाड़मेर में कल ही हुआ हादसे का शिकार

भारतीय वायुसेना द्वारा मिग-21 लड़ाकू स्क्वाड्रन को हटाने का फैसला राजस्थान के बाड़मेर में कल रात हुई मिग-21 की दुर्घटना से कोई संबंध नहीं है। विमान में सवार विंग कमांडर एम राणा और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल की इस हादसे में जान चली गई। इस घटना के बाद, पुराने हो चुके मिग विमान एक बार फिर चर्चा में हैं। घटनाक्रम के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि 2025 तक मिग-21 के चारों स्क्वाड्रन को बेड़े से हटाने की योजना है। 

करगिल युद्ध समेत कई अहम ऑपरेशन्स में भूमिका 
श्रीनगर स्थित स्क्वाड्रन नंबर 51 के लिये 30 सितंबर की ‘नंबर प्लेट’ तैयार होगी। ‘नंबर प्लेट’ का मतलब एक स्क्वाड्रन को हटाए जाने से होता है। एक स्क्वाड्रन में आम तौर पर 17-20 विमान होते हैं। इस स्क्वाड्रन को ‘सोर्डआर्म्स’ के तौर पर भी जाना जाता है। यह 1999 के करगिल युद्ध के दौरान ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ के अलावा भारत द्वारा किये गये बालाकोट हवाई हमले के एक दिन बाद पाकिस्तान की तरफ से 27 फरवरी 2019 को की गई जवाबी कार्रवाई के खिलाफ अभियान में भी शामिल थी। 

वायुसेना के बेड़े में फिलहाल करीब 70 मिग-21 लड़ाकू विमान और 50 मिग-29 विमान हैं। मिग-21 लंबे समय तक भारतीय वायुसेना के मुख्य लड़ाकू विमान रहे हैं। हालांकि, विमान का हाल का सुरक्षा रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है। वायुसेना के बेड़े में मिग विमान 1963 से हैं।

मिग-21 विमान को बताया था ‘उड़ता ताबूत’ 
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के युद्धक विमान मिग-21 को ‘‘उड़ता ताबूत’’ करार दिया और सवाल किया कि आखिरकार कब ये विमान वायुसेना के बेड़े से हटेंगे। वरुण गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘कल बाड़मेर में हुई घटना से पूरा देश स्तब्ध व शोकाकुल है! कुछ वर्षों से मिग-21 लगातार हादसों का शिकार हो रहा है। यह अकेला लगभग 200 पायलटों की जान ले चुका है। आखिर यह ‘उड़ता ताबूत’ कब हमारे बेड़े से हटेगा?’’ 

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