Highlights
- रोहिंग्याओं को बसाने पर मचा बवाल
- गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर दी सफाई
- 'फ्लैट देने का कोई निर्देश नहीं दिया'
MHA on Rohingya Refugees: देश में रोहिंग्याओं को बसाने की खबर जैसे ही सामने आई, इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया। इस पर मचे बवाल के बीच गृह मंत्रालय ने सफाई दी है। गृह मंत्रालय का कहना है कि रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को किसी भी ईडब्ल्यूएस (EWS) फ्लैट में शिफ्ट करने का कोई फैसला गृह मंत्रालय ने कभी नहीं लिया है।
मंत्रालय ने ट्वीट किया, ''रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को लेकर मीडिया रिपोर्टों के संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय (MHA) ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या को EWS फ्लैट प्रदान करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है।''
गृह मंत्रालय ने ट्वीट किया, ''दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नए स्थान पर शिफ्ट करने का प्रस्ताव रखा था। MHA ने GNCTD को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रोहिंग्या अवैध प्रवासी वर्तमान स्थान पर बने रहेंगे, क्योंकि गृह मंत्रालय पहले ही MEA (विदेश मंत्रालय) के माध्यम से संबंधित देश के साथ उनके निर्वासन का मामला उठा चुका है।''
गृहमंत्रालय ने कहा, ''अवैध प्रवासियों को कानून के अनुसार उनके निर्वासन तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है। दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है। उन्हें तत्काल ऐसा करने के निर्देश दिए गए हैं।''
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट के बाद मचा बवाल
गौरतलब है कि केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली में स्थित बक्करवाला के अपार्टमेंट में भेजा जाएगा और उन्हें मूलभूत सुविधाएं और पुलिस सुरक्षा भी मुहैया की जाएगी। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए फ्लैट का निर्माण नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने किया है और ये टिकरी सीमा के पास बक्करवाला इलाके में स्थित हैं।
'दिल्ली में रोहिंग्याओं को फ्लैट में शिफ्ट किया जाएगा'
पुरी ने एक ट्वीट में कहा, "भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी। एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में स्थित फ्लैट में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्हें मूलभूत सुविधाएं यूएनएचसीआर (शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त की ओर से जारी) परिचय पत्र और दिल्ली पुलिस की चौबीसों घंटे सुरक्षा मुहैया की जाएगी।"
मंत्री ने उन लोगों की भी आलोचना की जिन्होंने देश की शरणार्थी नीति पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग इस कदम से निराश होंगे। केंद्रीय मंत्री के इस बयान के बाद से ही विवाद खड़ा हो गया था, जिस पर गृह मंत्रालय ने सफाई दी है।