Highlights
- सावधान! ओमिक्रॉन टेस्ट के नाम पर कहीं आप ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार ना हो जाएं
- गृह मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
- cybercrime.gov.in पर कर सकते हैं शिकायत
कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के बीच ओमिक्रॉन की मुफ्त टेस्टिंग के नाम पर ठगी करने वाले साइबर अपराधी सक्रिय हो गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने संभावित ओमिक्रॉन पीड़ितों को टारगेट करने वाले साइबर अपराधियों के खिलाफ एक एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि साइबर क्रिमिनल, ऑनलाइन ओमिक्रॉन वेरिएंट की टेस्टिंग का ऑफर देकर लोगों से धोखाधड़ी करने की कोशिश में लगे हुए हैं। माना जा रहा है कि ये अपराधी कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता लगाने के लिए लोगों को नि:शुल्क टेस्ट की पेशकश कर रहे हैं।
विभिन्न हथकंडे अपना रहे साइबर अपराधी
केंद्रीय गृह मंत्रालय के साइबर एवं सूचना सुरक्षा विभाग ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि "स्वास्थ्य संकट पर ध्यान केंद्रित होने के कारण साइबर सुरक्षा पर ढिलाई बरती जा रही है जिसका साइबर अपराधी फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। साइबर अपराधी हमेशा नागरिकों को ठगने के नए तरीके खोजते रहे हैं। आजकल ओमिक्रॉन वेरिएंट के नाम पर ये अपराधी लोगों को ठगने के नए तरीके ढूंढ रहे हैं। इसके कारण उपजी स्थिति के मद्देनजर साइबर अपराधी भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए विभिन्न हथकंडे अपना रहे हैं।"
ऐसे ठगी का शिकार हो रहे हैं लोग
गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी में यह भी उल्लेख किया गया है कि ये साइबर अपराधी ओमिक्रॉन की जांच के लिए पीसीआर टेस्ट के संबंध में लोगों को ई-मेल भेज रहे हैं जिनमें फर्जी और गलत लिंक व फाइल अटैच की जाती है, जो आपका डाटा चुरा सकती हैं। गृह मंत्रालय ने कहा, "सरकारी और निजी स्वास्थ्य सेवाओं को कॉपी किया जा रहा है यानी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सेवाओं का नाम इस्तेमाल करके निर्दोष लोगों को ठगा जा रहा है। मेल में भेजे गए लिंक पर क्लिक करने वाले संभावित पीड़ित धोखाधड़ी करने वालों द्वारा बनाई गई नकली वेबसाइटों पर पहुंच जाते हैं जो सरकारी/निजी स्वास्थ्य सेवाओं की वेबसाइट जैसी दिख रही होती हैं। इन फर्जी वेबसाइट पर लोगों को कोविड-19 ओमिक्रॉन पीसीआर टेस्ट के लिए अप्लाई करने के लिए कहा जाता है।" ऐसा करने वाले लोग ठगी का शिकार हो सकते हैं।
cybercrime.gov.in पर करें रिपोर्ट
गृह मंत्रालय ने कहा कि इन वेबाइसट्स पर नागरिकों को ओमिक्रॉन संबंधित प्रतिबंधों से बचने के लिए लोगों को फ्री ओमिक्रॉन पीसीआर टेस्ट का झांसा दिया जाता है। साइबर अपराधी इस तरीके से लोगों की व्यक्तिगत जानकारी और बैंक डीटेल्स हासिल कर लेते हैं और आर्थिक धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। केंद्र सरकार ने लोगों को सलाह दी कि वे वेबसाइटों की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए डोमेन नाम और यूआरएल की जांच करें और साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन (cybercrime.gov.in) पोर्टल पर ऐसी किसी भी घटना की शिकायत करें। (इनपुट- ANI)