ट्विटर के बाद मेटा यानी फेसबुक के मालिक मार्क ने अपनी कंपनी से लगभग 11000 कर्मचारियों को निकाल दिया है। जानकारी के मुताबिक, मार्क ने निकाल गए कर्मचारियों को चार महीने का वेतन भी दिया है।
13 फीसदी कर्मचारियों की छटनी
वॉल जनर्ल के मुताबिक, फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा इंक ने बुधवार के दिन से छटनी शुरु कर दी थी। इस खबर के बाद मेटा की अन्य कंपनियां इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप में काम करने वाले कर्मचारियों के पसीने छूटने लगे हैं। मार्क ने बताया कि कुछ ऐसे फैसले लिए गए जिसके कारण ये कदम उठाना पड़ा है। आपको बता दें कि दुनिया भर में आर्थिक मंदी आशंका को देखते हुए फेसबुक से छटनी करने का फैसला लिया गया। जानकारी के मुताबिक फेसबुक में लगभग 87,000 कर्मचारी काम करते हैं। इनमें 13 फीसदी कर्मचारियों को निकाल दिया।
टीक-टॉक और यूट्यूब बना जानी दुश्मन
फेसबुक की स्थापना 2004 में की गई थी। ये पहली दफा होने जा हुआ है कि इतने बड़े पैमाने पर मार्क कर्मचारियों को निकालने के लिए निर्देश दिए गए। कोरोना काल में कंपनी को काफी मुनाफ हुआ था। पिछले साल के सितंबर के महीने में फेसबुक ने खुब बहाली की थी। वहीं इसी साल मेटा की शेयरों में 73 फीसदी की गिरावट दर्ज की है। इसके पिछे सोशल मीडिया में टक्कर देने वाली कंपनी टिकटॉक और यूट्यूब हैं। हाल के महीनों में देखा जाए तो फेसबुक के यूजर्स अब टिक-टॉक और यूट्यूब में मूव कर रहे हैं। इसे रोकना मार्क के लिए चुनौतीपूर्ण काम हो गया है। इन्हीं कारणों से फेसबुक की रेवेन्यू में काफी कमी आंकी गई है।
इन कंपनियों ने किया कर्मचारियों पर प्रहार
एलन मस्क ने जब ट्विटर का कमान संभाला है तब से कंपनी के भीतर छटनी जारी है। इसका सबसे असर भारत में देखने को मिला है। भारत के ट्विटर के ऑफिस से आधा से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया गया है। वहीं राइडशेयर कंपनी LYFT ने भी 13 फीसदी कर्मचारियों को निकाल दी है। इसके अलावा पेमेंट प्रोसेसिंग फर्म ने 14 फीसदी लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। ऐमजॉन और गूगल जैसी कंपनियों भी अपने यहां पर नई बहाली को लेकर रोक लगा दी है।