नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरी माटी मेरा देश-अमृत कलश यात्रा के समापन समारोह में कहा कि यह इस देश की मिट्टी की चेतना है जिसने देश को अनादिकाल से आज तक बचा कर रखा है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने अमृत महोत्सव स्मारक एवं अमृत वाटिका का शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि आज सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर कर्तव्य पथ एक ऐतिहासिक महायज्ञ का साक्षी बन रहा है। उन्होंने कहा-एक तरफ जहां हम आज एक महा उत्सव का समापन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ एक नए संकल्प का शुभारंभ भी कर रहे हैं...21वीं सदी में राष्ट्र निर्माण के लिए 'मेरा भारत युवा' संगठन बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है।
ये मिट्टी हमें कर्तव्य भाव की याद दिलाती रहेगी-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि बड़ी-बड़ी सभ्यताएं समाप्त हो गईं लेकिन भारत की मिट्टी में वो चेतना है जिसने इस राष्ट्र को अनादिकाल से आज तक बचाकर रखा है। ये वो मिट्टी हे जो देश के कोने-कोने से आत्मीयता और अध्यात्म, हर प्रकार से हमारी आत्मा को जोड़ती है। देश के हर घर-आंगन से जो मिट्टी यहां पहुंची है वो हमें कर्तव्य भाव की याद दिलाती रहेगी। ये मिट्टी हमें विकसित भारत के अपने संकल्प की सिद्धि के लिए और अधिक परिश्रम के लिए प्रेरित करेगी।
देश ने अमृत महोत्सव को सबका महोत्सव बनाया
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि कोई भी क्षेत्र, समुदाय स्वतंत्रता संग्राम से अछूता नहीं रहा; देश ने अमृत महोत्सव को सबका महोत्सव बनाया। दांडी यात्रा लोगों को एकसाथ लाई, उसी तरह आजादी के अमृत महोत्सव ने लोगों की भागीदारी के लिहाज से नया इतिहास बनाया।
कार्यक्रम के दौरान मौजूद सभी लोगों ने मिट्टी की पोटली हाथ में लेकर, पिछले स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी की ओर से किए गए ‘पंच प्रणों’ के आह्वान के अनुरूप भारत को 2047 तक आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने, गुलामी की मानसिकता को जड़ से उखाड़ फेंकने और देश की समृद्ध विरासत पर गर्व करने की शपथ ली। प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित वहां मौजूद सभी केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों व नेताओं ने भी यह शपथ ली। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश भर से आए हजारों अमृत कलश यात्रियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जैसे दांडी यात्रा शुरू होने के बाद देशवासी उससे जुड़ते गए, वैसे ही आजादी के अमृत महोत्सव ने जनभागीदारी का ऐसा हुजूम देखा कि नया इतिहास बन गया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के युवा कैसे संगठित होकर हर लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण ‘मेरी माटी-मेरा देश’ अभियान है। इस अभियान में गांव-गांव, गली गली से कोटि-कोटि देश के युवा जुड़े हैं। देश भर में लाखों आयोजन हुए और अनगिनत भारतीयों ने अपने हाथों से अपने आंगन व अपने खेत की मिट्टी अमृत कलश में डाली है।’’ (इनपुट-भाषा)