Thursday, November 21, 2024
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ये है कुत्तों का ऐसा स्मारक, जहां उनकी कब्रों पर दर्ज हैं बहादुरी और वफादारी की इबारतें

ये एक डॉग कैनाल है, जिसमें कुत्तों की बहादुरी और वफादारी की कहानियां उनकी कब्रों पर दर्ज हैं। इस स्थल पर कुत्तों की मौत के बाद उन्हें सम्मान के साथ दफन किया जाता है। पूरे देश में यह अपनी तरह का पहला डॉग कैनाल है।

Edited By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Updated on: January 14, 2024 13:14 IST
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Image Source : IANS कुत्तों का स्मारक

जमशेदपुर: कुत्तों की बहादुरी और वफादारी की तमाम कहानियां हमने सुन रखी हैं। ऐसे में झारखंड के जमशेदपुर में कुत्तों की इन जांबाजियों को सहेजने के लिए एक स्मारक स्थल भी बनाया गया है। इस स्थल पर कुत्तों की मौत के बाद उन्हें सम्मान के साथ दफन किया जाता है। इसके अलावा उनकी कब्रों पर उनकी बहादुरी की इबारत भी दर्ज की जाती है।

खास है ये डॉग कैनाल

पूरे देश में यह अपनी तरह का पहला डॉग कैनाल है। जमशेदपुर शहर के टेल्को इलाके में टाटा मोटर्स कंपनी ने 1964 में पहली बार डॉग कैनाल बनाया था, जहां कंपनी की सुरक्षा में तैनात राणा वॉन एक्रुअल नामक अल्सेशियन नस्ल के कुत्ते को दफनाया गया था।

कंपनी पिछले 60 साल से इस कैनाल की देखभाल कर रही है। लगभग पांच एकड़ में फैले कैनाल में अब तक 41 कुत्तों को दफनाने के बाद उनके स्मारक बनाए गए हैं। हर स्मारक पर कुत्ते का नाम, नस्ल, उनके जन्म-मृत्यु की तारीख और उनकी वफादारी-बहादुरी-कुर्बानी का दास्तां लिखी गई है।

टाटा मोटर्स कंपनी पहले टेल्को के नाम से जानी जाती थी। इसने वर्ष 1963 में पहली बार कंपनी परिसर में संपत्तियों की सुरक्षा के लिए चार प्रशिक्षित कुत्ते तैनात किए थे। इनमें दो कुत्ते अल्सेशियन और दो डाबरमैन नस्ल के थे। इनके साथ चार डॉग हैंडलर भी रखे गए थे, जिन्हें बॉम्बे पुलिस द्वारा प्रशिक्षित किया गया था।

कंपनी की सुरक्षा में उच्च नस्लों वाले एक दर्जन कुत्ते तैनात

आज भी कंपनी की सुरक्षा में उच्च नस्लों वाले एक दर्जन कुत्ते तैनात रखे गए हैं। इनके लिए सुविधाजनक सिंगल रूम, ट्रेनिंग ग्राउंड, ग्रूमिंग शेड, किचन और ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन कुत्तों ने देश भर के कई शहरों के डॉग शो में खिताब जीते हैं। कई बार जिला पुलिस और प्रशासन भी इन कुत्तों की मदद लेता है।

डॉग कैनाल वाले इस शहर में अब कुत्तों और बिल्लियों के शवों के सम्मान पूर्वक अंतिम संस्कार के लिए विद्युत शवदाह गृह के निर्माण की भी तैयारी चल रही है। यहां स्वर्णरेखा नदी घाट पर पर बनने वाले इस शवदाह गृह के निर्माण में जमशेदपुर केनेल क्लब, टाटा स्टील और कई अन्य संस्थाएं सहयोग कर रही हैं। करीब 30 लाख की लागत से बनाया जाना वाला विद्युत शवदाह गृह झारखंड-बिहार का पहला होगा। यहां स्ट्रीट डॉग, पालतू कुत्तों और बिल्लियों के शवों का भी अंतिम संस्कार किया जाएगा। (इनपुट: IANS)

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