Highlights
- महबूबा ने शोपियां में फल उत्पादकों से की मुलाकात
- सरकार कश्मीरी लोगों का इम्तहान न ले-महबूबा
Mehbooba Mufti : महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार को किया चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर फल उत्पादकों (फ्रूट ग्रोवर्स) की ट्रकों को अगर नेशनल हाईवे पर चलने नहीं दिया गया तो वे लोगों के साथ मिलाकर नेशनल हाईवे (National Highway) को ब्लॉक करेंगी। महबूबा मुफ्ती आज फल उत्पादकों से मिलने के लिए शोपियां पहुंची थीं। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कश्मीर को जेल खाना बना के रखा गया है। इससे पहले भी अमरनाथ यात्रा के दौरान लोगों को घर से निकल ने नहीं दिया गया ,और आज हमारा फ्रूट का सीजन है, हमारा फल मंडियों में सड़ रहा है। उन्होंने कहा-'मैं सरकार से गुज़ारिश करती हूं और ये चेतावनी भी देती हूं कि कश्मीरी लोगों का इम्तहान मत लीजिए।' आपको बता दे कि फल उत्पादक पिछले कुछ दिनों से हाइवे बंद होने से बहुत परशान हैं।
फल उत्पादकों ने फल पेटियां जलाईं
आपको बता दे कि कल भी श्रीनगर में फल उत्पादकों ने प्रदर्शन के दौरान अपनी फलों की पेटियां जला दीं। इस विरोध प्रदर्शन में पीडीपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया था। आज खुद मेहबूबा मुफ़्ती फल उत्पादकों से मिलने शोपियां पहुंचीं । काफी संख्या में फल उत्पादकों ने मेहबूबा मुफ़्ती से मुलाक़ात की और उन्हें अपनी परेशानियों के बारे में बताया। महबूबा मुफ़्ती ने फल उत्पादकों को यह भरोसा दिलाया कि वह इस घड़ी में फल उत्पादकों के साथ खड़ी रहेंगी।
45 लाख लोग सेब के कारोबार से जुड़े
आपको बता दें कश्मीर में करीब 45 लाख लोग सेब के कारोबार से जुड़े हैं और हर साल कश्मीर में 12 से 13 हज़ार मीट्रिक टन अलग-अलग मंडियों में पहुंचता है। इस बार सेब की अच्छी पैदावार होने के बावजूद फल उत्पादकों की चिंता बढ़ गई है। पहले ईरान से बिना टैक्स के पहुंचने वाले सेब और अब पिछले कई दिनों से नेशनल हाइवे पर फलों से लदे ट्रकों का सही समय पर मंडियों में ना पहंचना, फल उत्पादकों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है।
बेवजह ट्रकों को रोका जा रहा है-फल उत्पादक
इस पूरे मामले में सरकार का कहना है कि हाइवे पर शूटिंग स्टोन्स होने के कारण वाहनों की आवाजाही को रोका जाता है। हालांकि, फल उत्पादक सरकार के इस दावे से सहमत नहीं हैं। फल उत्पादकों का मानना है कि सरकार बिना किसी वजह के फल से भरे ट्रकों को हाइवे पे रोक रही है जिसके कारण हमारा माल देश के दूसरी मंडियों तक समय पर नहीं पहुंच पा रहा है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो सारा फळ सड़ जायेगा और कारोबारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।