Highlights
- मुफ्ती ने ट्वीट संदेश में बताई बडगाम न जाने देने की बात
- आर्टिकल 370 का किया था विरोध, पहले 14 माह तक रह चुकी हैं नजरबंद
- 2016 में बनी थीं जम्मू कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री
Mehbooba Mufti: महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट संदेश में कहा कि उन्हें नजर बंद किया गया है और बडगाम में नहीं जाने दिया जा रहा है। मुफ्ती ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा उनकी रक्षा करने में विफलता का विरोध कर रहे कश्मीरी पंडितों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए बडगाम का दौरा करना चाहती थी। उन्होंने कहा कि इसी कारण से उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है कि कश्मीरी मुसलमान और पंडित एक-दूसरे के दर्द के प्रति सहानुभूति रखते हैं।
आर्टिकल 370 हटाने का किया था विरोध
गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती ज्वलंत मुद्दों पर विवादास्पद बयान देती रही हैं। कभी उनका बयान पाकिस्तान के पक्ष में ज्यादा झुका हुआ दिखता है, तो कभी अपने ही देश की केंद्र सरकार को वे अपने वक्तव्य से कटघरे में कर देती हैं। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने का महबूबा मुफ्ती हमेशा से विरोध करती रही हैं, इसलिए जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने से कुछ घंटे पहले महबूबा मुफ्ती को हाउस अरेस्ट कर लिया गया था। करीब 14 महीने तक नजरबंद रहने के बाद मुफ्ती को रिहा गया था।
2016 में बनी थीं राज्य की पहली महिला सीएम
बता दें कि वर्ष 2015 में जम्मू-कश्मीर में भाजपा और पीडीपी गठबंधन की सरकार बनी थी। बीजेपी से गठबंधन के बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बनाए थे, उनका 7 जनवरी 2016 को निधन हो गया था। जम्मू-कश्मीर में संवैधानिक संकट के बीच फिर पीडीपी-बीजेपी सरकार बनाने के लिए तैयार हो गई। ढाई महीने के बाद 4 अप्रैल 2016 को महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं।