शिलांग: मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड सगमा ने जानकारी दी है कि मुझे राज्यपाल का पत्र मिला है जिसमें मुझे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है। शपथ ग्रहण समारोह 7 मार्च को सुबह 11 बजे राजभवन में होगा. हम शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य नेताओं के भाग लेने की उम्मीद कर रहे हैं। इससे पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के विधायक प्रेस्टोन टाइनसॉन्ग ने शनिवार को कहा कि मेघालय में एनपीपी के नेतृत्व वाली सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 7 मार्च को होगा।
इससे पहले नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के वरिष्ठ विधायक टिमोथी डी शिरा को मेघालय विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) के रूप में शनिवार को शपथ दिलाई गई। रेसुबेलपाड़ा से विधायक शिरा को राज्यपाल फागू चौहान ने राजभवन में निवर्तमान मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा और एनपीपी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में शपथ दिलाई।
पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह शपथ ग्रहण में रहेंगे मौजूद
प्रेस्टोन टायन्सॉन्ग ने कहा कि "प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 7 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगे। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा, जो एनईडीए के संयोजक भी हैं, शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। हमारे पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या हैं और हम अन्य राजनीतिक दलों से भी बात कर रहे हैं और विधायकों की संख्या को बढ़ाकर 38-40 तक ले जाने की भी बात हो रही है। "
बता दें कि कोनराड संगमा ने शुक्रवार को 32 विधायकों के समर्थन के साथ राज्य में अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इनमें एनपीपी के 26 विधायक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) के दो-दो विधायक और दो निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
चुनाव के बाद हिंसा की घटनाएं आईं थीं सामने
राज्य के विभिन्न हिस्सों में चुनाव के बाद की हिंसा की कुछ घटनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रेस्टन टायन्सॉन्ग ने कहा, "हम किसी को भी कानून और व्यवस्था तोड़ने की अनुमति नहीं देंगे। पिछली रात कुछ हिंसक घटनाएं हुईं और हमने राज्य पुलिस को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।"
इससे पहले शुक्रवार को पश्चिम जयंतिया हिल्स के जिला प्रशासन ने मतगणना के बाद हिंसा की खबरों के बाद मेघालय के सहसनियांग गांव में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया था। जिलाधिकारी कार्यालय से जारी आदेश में प्रशासन ने कहा कि उसे सहसनियांग गांव में मतगणना के बाद हुई हिंसा के संबंध में सूचना मिली है। आदेश में कहा गया है, "ऐसी आशंका है कि अगर ध्यान नहीं दिया गया तो हिंसा फैल सकती है और तेज हो सकती है और इसके परिणामस्वरूप संपत्ति का नुकसान हो सकता है और जानमाल के नुकसान की संभावना हो सकती है।"
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