लोकसभा चुनाव से पूर्व विपक्षी एकता अपनी तैयारी में जुटी हुई है। इसी कड़ी में पटना में विपक्षी दलों के नेताओं का जुटान हुआ था। इस बाबत तय किया गया था कि 10-12 जुलाई को शिमला में अगली विपक्षी दलों की मीटिंग होनी थी। लेकिन अब जानकारी सामने आ रही है कि 13-14 जुलाई को विपक्षी दलों की बैठक बेंगलुरू में होगी। इस बाबत एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने घोषणा की है। पुणे में एक कार्यक्रम में पहुंचे शरद पवार ने पटना की बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेचैन हो गए हैं।
विपक्षी बैठक की बदल गई लोकेशन
गौरतलब है कि 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक हुई थी जिसमें 15 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए थे। इस बैठक में सभी पार्टियों के नेताओं ने एकजुटता दिखाई। इस मीटिंग में लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर एनडीए व भाजपा को हराने की योजना पर चर्चा की गई थी। इस बैठक के बाद कहा गया था कि अगली बैठक 10-12 जुलाई को विपक्षी दलों की अगली बैठक शिमला में होगी लेकिन अब इस मीटिंग के स्थान को बदल दिया गया है। इस बैठक को लेकर नीतीश कुमार ने कहा था कि सभी नेताओं से अच्छे से मुलाकात हुई है। सभी विपक्षी दलों ने मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
आप और कांग्रेस के बीच तकरार
इस मीटिंग के बाद जहां एक तरफ ज्यादातर विपक्षी दलों ने एकता दिखाई। वहीं अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच अनबन देखने को मिली थी। आप द्वारा बयान जारी करते हुए कहा गया कि जिस बैठक में कांग्रेस रहेगी उस बैठक में हम भाग नहीं लेंगे। दरअसल आम आदमी पार्टी की मांग थी कि कांग्रेस दिल्ली को लेकर आए अध्यादेश पर अपना रुख साफ करे। वहीं भाजपा के नेताओं ने इस बैठक को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा था कि यह मीटिंग अपने अपने हितों को ध्यान में रखते हुए की गई थी। इस बैठक का कोई मतलब नहीं है।