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जम्मू-कश्मीर में आतंक की जड़ें उखाड़कर पनपेंगे औषधीय पौधे, सरकार की नायाब योजना

Medicinal Plants in Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35-ए हटाए जाने के बाद से ही केंद्र सरकार लगातार विकास को गति दे रही है। आतंक के खात्मे और राज्य के विकास के लिए मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में योजनाओं की झड़ी लगा दी है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 27, 2022 23:08 IST, Updated : Dec 27, 2022 23:08 IST
औषधीय पौधे
Image Source : FILE औषधीय पौधे

Medicinal Plants in Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35-ए हटाए जाने के बाद से ही केंद्र सरकार लगातार विकास को गति दे रही है। आतंक के खात्मे और राज्य के विकास के लिए मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में योजनाओं की झड़ी लगा दी है। इसी कड़ी में अब कश्मीर में आतंक की जड़ें उखाड़कर औषधीय पौधों की खेती किए जाने की नायाब योजना सरकार लाने जा रही है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और देश भर के मरीजों को औषधि की प्राप्ति होगी।

जम्मू-कश्मीर सरकार कृषि उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 625 हेक्टेयर भूमि पर औषधीय और सुगंधित पौधे (एमएपी) की खेती करेगी। अधिकारियों ने कहा कि इससे 750 करोड़ रुपये मूल्य का उत्पादन होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यह अर्थव्यवस्था, समानता और पारिस्थितिकी के सिद्धांतों पर आधारित 5,013 करोड़ रुपये की लागत वाली 29 परियोजनाओं में से एक है। कृषि उत्पादन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने बताया, ‘‘जम्मू-कश्मीर में औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती में एक नई सुबह होने जा रही है। एमएपी की खेती के तहत 5,000 कनाल (625 हेक्टेयर) भूमि को लाया जाएगा।

डुल्लू ने कहा कि इस परियोजना की उत्पादन क्षमता 750 करोड़ रुपये की है। जम्मू-कश्मीर में हिमालय के पास औषधीय और सुगंधित गुण वाले लगभग 1,123 पौधों की प्रजातियों की अपार संपदा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक हर्बल व्यापार लगभग 120 अरब डॉलर का है और वर्ष 2050 तक इसके 7,000 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। डुल्लू ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर से वर्तमान एमएपी उत्पादन केवल 2 लाख रुपये का है, क्योंकि इस क्षेत्र में बहुत कम खेती की जा रही है।’

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