कतर में फांसी की सजा पाने वाले पूर्व भारतीय सैनिकों की सजा माफ हो चुकी है। इस खबर को भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। हालांकि, अब तक 8 में से 7 भारतीय नागरिकों की ही भारत वापसी हो सकी है। 12 फरवरी को 7 नागरिकों की भारत वापसी हो गई थी। लेकिन एक नागरिक अब तक वापस नहीं आ सका है। अब इस मामले में भारत के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा है कि आवश्यक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद आठवें भारतीय नागरिक की वापसी होगी।
क्या था पूरा मामला?
कतर की एक अदालत ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों को 26 अक्टूबर को मौत की सजा सुनाई थी। ये सभी कतर की एक कंपनी अल दहरा में काम करते थे और इन्हें साल 2022 में गिरफ्तार किया गया था। भारत ने इस सजा पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। करत की अपीलीय अदालत ने 28 दिसंबर को मृत्युदंड को कम कर दिया था और पूर्व नौसैन्य कर्मियों को अलग-अलग अवधि की कारावास की सजा सुनाई थीं। आखिरकार इन भारतीय नागरिकों की सजा माफ कर दी गई थी और इनमें से 7 लोग भारत वापस आ गए थे।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि आठवें भारतीय नागरिक को कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी हैं। वह उन औपचारिकताओं के पूरी होने के बाद लौटेंगे। उन्होंने कहा- "जैसा कि आपको पता है कि अल दहरा ग्लोबल मामले में शामिल सभी आठ भारतीय नागरिकों को रिहा कर दिया गया है। इनमें से सात भारत लौट आए हैं।" बता दें कि पीएम मोदी ने हाल ही में कतर का दौरा किया था और आठ भारतीयों की रिहाई के लिए कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के प्रति आभार जताया था। (इनपुट: भाषा)
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