बेंगलुरू में दुकानों में तोड़फोड़ करने वाले 15 कन्नडा रक्षण वेदिके के कार्यकर्ताओं को जमानत मिलने के बाद कल देर रात उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। इस संगठन के प्रमुख नारायण गौड़ा समेत 40 से ज्यादा लोग अभी भी जेल में हैं। इन लोगों पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, धमकी देने और पुलिस को अपनी ड्यूटी करने से रोकने का आरोप लगा है। कन्नडा समर्थक संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर नारायण गौड़ा और अन्य लोगों को जल्द रिहा नहीं किया गया तो बेंगलुरू में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
सरकार लाएगी अध्यादेश
वहीं,कर्नाटक में साइनबोर्ड पर कन्नड़ भाषा में जानकारी प्रदर्शित करने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ बृहस्पतिवार को चेतावनी दी और कहा कि विरोध कोई भी कर सकता है, लेकिन सरकारी या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए एक अध्यादेश लाएगी कि साइनबोर्ड और नाम पट्टिका पर 60 फीसदी जगह कन्नड़ भाषा को समर्पित हो। यह अध्यादेश 28 फरवरी 2024 से अमल में आएगा। उन्होंने कहा कि सरकार कन्नड़ भाषा व्यापक विकास अधिनियम (केएलसीडीए) - 2022 की धारा 17(6) में भी संशोधन करेगी, जिसे पिछली भाजपा सरकार 10 मार्च 2023 को विधानसभा चुनाव से पहले लाई थी।
सीएम बोले- कानून हाथ में लेने वालों पर कार्रवाई होगी
सिद्धरमैया ने कन्नड़ भाषा एवं संस्कृति विभाग और बेंगलुरु नगर निकाय एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “लोगों को नियमों का पालन करना होगा और अगर कोई उनकी अनदेखी करता है, तो उन्हें परिणाम भुगतने होंगे। यह मैं सभी को स्पष्ट कर रहा हूं। मैं सभी संगठनों और कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे कानून अपने हाथ में न लें।
यहां पर कन्नड़ समर्थकों ने की थी तोड़फोड़
बता दें कि बेंगलुरु में बुधवार को कन्नड़ समर्थक संगठन कर्नाटक रक्षणा वेदिके (टी ए नारायण गौड़ा गुट) के कार्यकर्ताओं द्वारा ऐसी दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई, जहां साइनबोर्ड, विज्ञापन और नाम पट्टिकाएं कन्नड़ भाषा में नहीं थीं। कार्यकर्ताओं ने एमजी रोड, ब्रिगेड रोड, लावेल रोड, यूबी सिटी, चामराजपेट, चिकपेट, केम्पे गौड़ा रोड, गांधी नगर, सेंट मार्क्स रोड, कनिंघम रोड पर अंग्रेजी में साइनेज बोर्ड रखने वाली दुकानों पर तोड़फोड़ की।