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Enforcement Directorate: मनमोहन और मोदी सरकार में ईडी द्वारा की गई छापेमारी का पूरा लेखा-जोखा, 2014 के बाद ED एक्शन मोड में?

Enforcement Directorate: हाल ही में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को ईडी का बुलावा रोज-रोज आ रहा था। ईडी नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े धन संशोधन के मामले में गांधी से पूछताछ कर रही थी। पूरे देश भर में कांग्रेस के कार्यकर्ता ईडी का विरोध कर रहे थे

Written By: Ravi Prashant
Updated on: July 30, 2022 14:35 IST
Enforcement Directorate- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Enforcement Directorate

Highlights

  • इन छापेमारी में तकरीबन 95,486 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की गई
  • "ना मैं खाऊंगा नहीं ही खाने दूंगा"
  • ईडी को हिंदी में प्रवर्तन निदेशालय कहते हैं

Enforcement Directorate: देश के हर कोने से कैसी खबर आ जाए किसी को नहीं पता। जैसे आजकल सुनने को मिलता है कि ईडी ने इस राज्य में एक व्यापारी के घर छापा मारा है तो किसी मंत्री के ऊपर छापा मारा है। ऐसे कई छापेमारी अभियान चलाए गए जहां से ईडी ने कई करोड़ रुपए बरामद किए। अगर आपको याद होगा, कानपुर का वाक्या जो काफी चौंकाने वाला था। जहां पर 2 दिनों तक ईडी पैसा गिनती रही। गिनने के लिए मशीन लेने पड़ गए, पैसे ले जाने के लिए ट्रक लाने पड़ गए यानी इतना सारा रुपया आपने अपने सपनों में नहीं देखा होगा, जो आपको ईडी ने रियल में दिखाया। अब कई सवाल सोच रहे होंगे आप जाना चाहते होंगे, ये ईडी क्या है। आखिर ईडी क्यों छापा मारती है, ईडी कब बनाया गया। तो चलिए हम विस्तार से आज ईडी के बारे में बातचीत करेंगे।

ED चर्चा में क्यों ?

हाल ही में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को ईडी का बुलावा रोज-रोज आ रहा था। ईडी नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े धन संशोधन के मामले में गांधी से पूछताछ कर रही थी। पूरे देश भर में कांग्रेस के कार्यकर्ता ईडी का विरोध कर रहे थे, कई राज्यों में ईडी के दफ्तर के बाहर तोड़फोड़ भी किया गया। एक मामला थमा नहीं था तो इधर बंगाल में भी ईड़ी की छापेमारी जारी थी। टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी की गरीबी अर्पिता मुखर्जी के घरों पर छापेमारी की गई थी, जहां से कई करोड़ रुपए भी बरामद किए गए थे। बिहार में भी लालू यादव के परिवारों से कई बार ईडी ने पूछताछ कर लिया है । अब आप समझ गए होंगे कि ईडी आजकल चर्चा में क्यों है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान ईडी का एक्शन?

Enforcement Directorate Raids

Image Source : INDIA TV
Enforcement Directorate

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान ईडी ने 112 छापेमारी की और इन छापेमारी से 5,346 करोड़ की संपत्ति पकड़ी गई। जबकि 2014 के बाद ईडी ने 2,974 छापेमारी की और इन छापेमारी में तकरीबन 95,486 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। इससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान अधिकारी, नेताओं को लूट करने के लिए छूट दे दिया गया था। आपको भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कथन याद ही होगा उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि "ना मैं खाऊंगा नहीं ही खाने दूंगा"। ईडी 2014 के बाद एक्शन मोड में आ गई है और भ्रष्ट व्यक्तियों के ऊपर सख्त कार्रवाई कर रही है।

ईडी के ऊपर लगते हैं आरोप

इन दिनों ईडी के कार्रवाई पर विपक्षी पार्टियां कई सवाल खड़े कर रहे हैं। पक्षी पार्टियों का कहना है कि ईडी एक केंद्र सरकार का तोता हो गया है। केंद्र सरकार ईडी का गलत दुरुपयोग कर रहा है। संजय रावत ने भी आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में सरकार ईडी के दम पर बनाया गया है। हालांकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ईडी एक सरकारी संस्था है, इसमें केंद्र सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है ईडी अपने काम को स्वतंत्र रूप से करती है। अगर ईडी किसी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई कर रही है तो वह व्यक्ति भ्रष्ट है तभी ईडी ने कार्रवाई की है।

ईडी क्या है और कब बना?

ईडी को हिंदी में प्रवर्तन निदेशालय कहते हैं और अंग्रेजी में रुचि रखते हैं तो इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ( Directorate of Enforcement) ये ED का फुल फॉर्म भी है। ईडी एक केंद्रीय सरकारी संस्था है। ईडी अवैध रूप से रुपयों के लेन-देन एवं अवैध रूप से बनाई गई संपत्ति पर निगरानी करता है। अगर इसके जद में कोई भी नागरिक आता है तो ईडी के पास यह अधिकार है कि बिना वारंट का छापा मार सकता है। ईडी को 1 मई 1956 में बनाया गया था।

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