नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज देश के 5 चर्चित मामलों की सुनवाई होने वाली है। इसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी, कृष्ण जन्मस्थान-ईदगाह मामले की सुनवाई होने वाली है। इसमें एक सुनवाई और भी है जो बेहद खास है जिसमें सजा दिए जाने के बाद आजीवन चुनाव न लड़ने को लेकर सुनवाई होने वाली है। ऐसे में एक के बाद सुप्रीम कोर्ट में आज कुल 5 बड़े मामलों की सुनवाई होने वाली हैं जिनपर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं।
मनीष सिसोदिया मामले की सुनवाई
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शराब घोटाला मामले में फिलहाल जेल में बंद हैं। ऐसे में उनकी जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। इसे लेकर कोर्ट ने सीएम और ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बता दें कि फरवरी महीने में मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट उनकी जमानत याचिका को खारिज कर चुका है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में आज मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले की भी सुनवाई होने वाली है। बता दें कि इस मामले में शाही मस्जिद ईदगाह के सचिव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के बजाय मथुरा कोर्ट में की जाए। इसी मामले पर आज सुनवाई होने वाली है।
हेमंत सोरने जमीन घोटाला विवाद
जमीन घोटाला मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। बता दें कि हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए ईडी ने समन जारी किया था। इसे सीएम ने अवैध बताते हुए याचिका दाखिल की थी। बता दें कि ईडी द्वारा जारी दूसरे समन के बाद सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन ने याचिका दायर की थी।
अफजाल अंसारी केस
सुप्रीम कोर्ट में आज मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी के केस की भी सुनवाई होने वाली है। गैंगस्टर मामले में अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा मिली है। सजा मिलने से पहले अफजाल अंसारी गाजीपुर जिले से सांसद थे, लेकिन सजा मिलने के बाद अफजाल की संसद सदस्यता को खत्म कर दिया गया है। अफजाल अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दी लेकिन दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसी मामले में अफजाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में दोष पर रोक लगाने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की भी होगी सुनवाई
सजायाफ्ता लोगों के आजीवन चुनाव न लड़ने के नियम को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होने वाली है। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि कोर्ट से दोषी ठहराए गए व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं मिलती लेकिन राजनीतिक लोगों को सजा काटने के 6 साल बाद दोबारा चुनाव लड़ने की छूट है।