Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. मणिपुर हिंसा: सेना के लिए ड्रोन हो रहे सहायक लेकिन दंगाई इन्हीं की मदद से मचा रहे उत्पात

मणिपुर हिंसा: सेना के लिए ड्रोन हो रहे सहायक लेकिन दंगाई इन्हीं की मदद से मचा रहे उत्पात

मनिपुर में परस्पर विरोधी गुट क्वॉडकॉप्टर का इस्तेमाल एक-दूसरे की स्थिति का पता लगाने के लिए कर रहे हैं। क्वॉडकॉप्टर मणिपुर की बाजारों में आसानी से उपलब्ध हैं और लोग इन्हें लगातार खरीद भी रहे हैं।

Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Jul 09, 2023 17:31 IST, Updated : Jul 09, 2023 17:31 IST
manipur, manipur violence, violence, imphal, drone
Image Source : तस्वीर सांकेतिक है ड्रोन

इंफाल: पिछले 2 महीने से ज्यादा के समय से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है। सैकड़ों लोग इस हिंसा की वजह से मारे जा चुके हैं। लाखों लोगों को अपना घर छोड़कर शरणार्थी की तरह जीवन जीना पड़ रहा है। सरकार, प्रशासन और सेना राज्य में शांति स्थापित करने के लिए प्रयासरत है लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही है। वहीं हिंसा प्रभावित मणिपुर में तकनीकी वरदान और अभिशाप दोनों साबित हो रही है। एक ओर सेना और असम राइफल्स राहत एवं बचाव कार्य के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर जातीय समूह एक-दूसरे को निशाना बनाने के लिए क्वाडकॉप्टर (ड्रोन) का इस्तेमाल कर रहे हैं। 

विरोधी गुट क्वॉडकॉप्टर का इस्तेमाल एक-दूसरे की स्थिति का पता लगाने के लिए कर रहे

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों के संज्ञान में आया है कि परस्पर विरोधी गुट क्वॉडकॉप्टर का इस्तेमाल एक-दूसरे की स्थिति का पता लगाने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मेइती समुदाय के लोग अधिकतर इस क्वॉडकॉप्टर का इस्तेमाल इंफाल घाटी में कर रहे हैं जबकि कुकी समुदाय के लोग इनका इस्तेमाल पहाड़ी इलाकों में कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण पश्चिमी मणिपुर के फौगाकचाओ, कांगवी बाजार और तोरबंग बाजार में इन क्वॉडकॉप्टर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है जहां दोनों समुदायों के गांव आस-पास बसे हुए हैं और सुरक्षाबलों ने दोनों समुदायों को एक-दूसरे से लड़ने से रोकने के लिए ‘बफर जोन’ बनाया है। 

सेनापति जिले का लोइबोल और विष्णुपुर जिले का लियेमारम हिंसा का केंद्र बना हुआ

उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों की मौजूदगी के बावजूद सेनापति जिले का लोइबोल और विष्णुपुर जिले का लियेमारम हिंसा का केंद्र बना हुआ है। अधिकारियों ने कहा कि दोनों समुदायों के बीच अविश्वास इतना गहरा हो गया है कि वे एक-दूसरे पर नजर रखने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ये क्वॉडकॉप्टर बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और दिन हो या रात लगातार समूहों द्वारा एक-दूसरे के क्वॉडकॉप्टर को गिराने के लिए गोलीबारी की जा रही है। 

क्या होते हैं क्वाडकॉप्टर?

क्वाडकॉप्टर, जिसे अकसर क्वाडरोटर कहा जाता है, एक बिना चालक वाला घूमने वाले पंखों से युक्त विमान है जो चार रोटर्स का उपयोग करके उड़ान भर सकता है। इनमें से प्रत्येक में एक मोटर और प्रोपेलर होते हैं। पारंपरिक विमानों या हेलीकॉप्टरों के विपरीत, जो उड़ान भरने के लिए इंजन या टेल रोटर्स पर निर्भर होते हैं, क्वाडकॉप्टर में ऐसा कुछ भी नहीं होता है। वहीं, दूसरी ओर सेना और असम राइफल्स द्वारा राहत एवं बचाव कार्य के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है जिन्होंने दक्षिण-पूर्वी मणिपुर के काकचिंग जिले में करीब 2000 आम नागरिकों को बचाया है। 

इनपुट - भाषा 

ये भी पढ़ें-

चाचा को कमजोर कर रहा भतीजा, एक और विधायक हुआ अजित पवार के कैंप में शामिल

पीएम मोदी के पार्टी को झूठ का बाजार बताने पर बोले महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख, 'वह खुद के बारे में बात कर रहे थे'

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement