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मणिपुर में थम नहीं रही हिंसा, फिर हुई गोलीबारी, सुरक्षा बलों को भेजा गया

मणिपुर में एक बार फिर फायरिंग की घटना हुई है। थामनापोकपी और लामलाई इलाकों की ओर फायरिंग गई। करीब एक घंटे बाद गोलीबारी थम गयी और किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published on: June 23, 2024 14:50 IST
Manipur, violence- India TV Hindi
Image Source : PTI मणिपुर में फिर हुई गोलीबारी

इंफाल: मणिपुर में दो संघर्षरत समुदाय के सशस्त्र सदस्यों के बीच फिर से गोलीबारी हुई है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना उस वक्त हुई जब कुछ सशस्त्र व्यक्तियों ने शनिवार रात करीब साढ़े 10 बजे पड़ोसी कांगपोकपी जिले में पर्वतीय क्षेत्रों से इंफाल पूर्व जिले के थामनापोकपी और लामलाई इलाकों की ओर गोलियां चलानी शुरू कीं। 

उन्होंने बताया कि स्थानीय ग्रामीण स्वयंसेवकों ने जवाबी गोलीबारी की। इलाके में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सुरक्षा बलों को भेजा गया गया है। अधिकारी ने बताया कि एक घंटे बाद गोलीबारी थम गयी और किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इंफाल घाटी में रहने वाले मेइती और पर्वतीय इलाकों में रहने वाले कुकी समुदाय के बीच पिछले साल मई से जारी जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। 

बीरेन सिंह और हिमंत विश्व शर्मा की मुलाकात

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह जिरीबाम-कछार अंतरराज्यीय सीमा की सुरक्षा स्थिति पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के साथ चर्चा करने के लिए गुवाहाटी में हैं।  मणिपुर के जिरीबाम जिले में जून के पहले सप्ताह के दौरान जातीय हिंसा की घटनाएं हुई थीं, जिसके बाद राज्य के कई लोगों ने दक्षिणी असम के कछार जिले में शरण ली। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह अंतरराज्यीय सीमा की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ मंत्री एल सुसिंद्रो सिंह के साथ शनिवार शाम गुवाहाटी के लिए रवाना हुए थे। बैठक के दौरान दोनों मुख्यमंत्री अंतरराज्यीय सीमा पर सक्रिय उग्रवादियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सुरक्षाबलों के बीच समन्वय स्थापित करने पर चर्चा करेंगे। 

असम के मुख्यमंत्री ने शनिवार को कछार प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि पड़ोसी राज्य मणिपुर में हुई हिंसा का प्रसार उनके राज्य में न हो। साथ ही शरणार्थियों को सभी राहत-सामाग्री उपलब्ध कराई जाए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि असम-मणिपुर अंतरराज्यीय सीमा की कड़ी चौकसी की जा रही है। साथ ही, गश्त बढ़ा दी गई है। मणिपुर में पिछले साल मई से जारी जातीय हिंसा से जिरीबाम अबतक अप्रभावित रहा था। इस इलाके में भी मेइती, मुस्लिम, नगा, कुकी और गैर-मणिपुरी लोग रहते हैं। इम्फाल घाटी में रहने वाले मेइती और पर्वतीय इलाकों में रहने वाले कुकी समुदाय के बीच पिछले साल मई से जारी जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। (इनपुट-भाषा)

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