इंफाल : मणिपुर में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक ओर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्य के हालात पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है वहीं देर रात मणिपुर में भीड़ ने राज्य सरकार में मंत्री एल सुसींद्रो के इंफाल पूर्वी जिले के चिनगारेल स्थित निजी गोदाम में आग लगा दी। भीड़ ने उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्री सुसींद्रो के इसी जिले के खुरई इलाके में स्थित आवास और अन्य संपत्तियों को भी शुक्रवार रात आग के हवाले करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों के वक्त पर पहुंचकर उन्हें रोक दिया।
सुरक्षा बलों आंसू गैस के गोले दागे
पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बलों ने आधी रात तक आंसू गैस के कई गोले दागे, ताकि भीड़ को मंत्री के खुरई स्थित आवास का घेराव करने से रोका जा सके। घटना में किसी के भी हताहत होने की जानकारी नहीं है। इससे पहले, 14 जून की रात को राज्य की महिला मंत्री नेमचा किपगेन के इंफाल पश्चिम जिले के लामफेल इलाके स्थित घर को अज्ञात लोगों ने जला दिया था। इसके अगले दिन केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर हमला किया गया था और उसे जलाने की कोशिश की गई थी।
जातीय संघर्ष में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत
आपको बता दें कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों में हुए जातीय संघर्ष में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें हुई हैं। मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी 53 प्रतिशत है, जिसमें से ज्यादातर इंफाल घाटी में रहती है, जबकि नगा और कुकी जनजातियों की आबादी करीब 40 प्रतिशत है और यह ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहती है।