Manipur Violence: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए आज राष्ट्रीय राजधानी में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में मणिपुर हिंसा को लेकर चर्चा होगी और कैसे शांति बहाल की जाए, इससे संबंधित हर मुद्दे पर बात की जाएगी। बैठक की अध्यक्षता अमित शाह करेंगे। ये बैठक शनिवार की दोपहर 3 बजे निर्धारित है। जानकारी के मुताबिक एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार मीटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे।
इंटरनेट पर 25 जून तक बढ़ाया गया प्रतिबंध
बता दें कि मणिपुर में 3 मई के बाद से अभी भी आगजनी जैसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, इसलिए राज्य सरकार ने शांति बहाल करने और कई महीने से फैली इस हिंसा और अशांति को रोकने के प्रयास में इंटरनेट पर प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से पांच दिन और 25 जून तक बढ़ा दिया है। राज्य में जारी अशांति को देखते हुए डेटा सेवाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
तीन मई से हो रही हैं हिंसक वारदातें
मेइती को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल्स स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़प के बाद 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़क उठी।
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्य में शांति और सद्भाव की अपील करते हुए कहा कि मणिपुर में लोगों के जीवन को तबाह करने वाली अभूतपूर्व हिंसा ने "हमारे देश की अंतरात्मा पर गहरा घाव छोड़ा है"।
राहुल गांधी ने उठाया सवाल
जातीय हिंसा और झड़पों के मद्देनजर मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 24 जून को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के समय पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि यह ऐसे समय में बुलाई जा रही है जब प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राज्य अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं, जिससे पता चलता है कि यह बैठक उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं है।
राहुल ने ट्वीट किया, ''मणिपुर 50 दिनों से जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे। सर्वदलीय बैठक हुई।'' तब बुलाया गया जब प्रधानमंत्री स्वयं देश में नहीं हैं! जाहिर है, यह बैठक प्रधानमंत्री के लिए महत्वपूर्ण नहीं है।"
इस बीच, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने भी गुरुवार को मणिपुर की स्थिति पर चुप्पी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "पिछले 53 दिनों से मणिपुर जल रहा है। पीएम मोदी ने अभी तक एक भी शब्द नहीं बोला है। मणिपुर से एक प्रतिनिधिमंडल वेणुगोपाल ने दावा किया, ''पिछले 10 दिनों से यहां हैं लेकिन पीएम उनसे मिलने के लिए तैयार नहीं थे।''