नई दिल्ली: हार्ट अटैक के मामलों की संख्या देश में बढ़ रही है। बीते समय में हमने कई ऐसे वीडियो देखे हैं, जिसमें लोग बात करते-करते इस दुनिया से चल बसे। ताजा मामला चंडीगढ़ से आया है। जहां एक शख्स को कुर्सी पर बैठे-बैठे ही हार्ट अटैक आ गया। हालांकि इस शख्स की किस्मत अच्छी थी कि वहां चंडीगढ़ के हेल्थ सेक्रेटरी यशपाल गर्ग मौजूद थे। उन्होंने फौरन हालात को समझा और शख्स की छाती पर जोर जोर से प्रेशर डालने लगे। इस प्रक्रिया को सीपीआर कहा जाता है। सीपीआर देने की वजह से ही पीड़ित शख्स की जान बच गई और इस मामले का वीडियो वायरल हो गया।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस वीडियो को शेयर किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'एक आदमी को हार्ट अटैक आया तो चंडीगढ़ के हेल्थ सेक्रेटरी IAS यशपाल गर्ग जी ने तुरंत CPR देकर उस आदमी की जान बचाई। उनके इस काम की जितनी सराहना की जाए उतनी कम है। हार्ट अटैक से जानें बचाई जा सकती हैं। हर इंसान को CPR सीखना चाहिए।'
सीपीआर क्या है?
सीपीआर (CPR) का फुल फॉर्म कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (Cardiopulmonary resuscitation) होता है। इसका इस्तेमाल इमरजेंसी के उन हालात में किया जाता है, जब किसी इंसान के दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है। दरअसल जब भी ऐसा होता है तो शरीर के कई हिस्सों में खून का दौरा बंद हो जाता है, जिसकी वजह से कार्डिएक अरेस्ट होता है और इंसान की मौत हो जाती है।
कैसे देना चाहिए सीपीआर?
सीपीआर के तहत, जब भी किसी इंसान के दिल की धड़कन अचानक रुक जाए और वह बेहोश हो जाए तो अपने दोनों हाथों को मरीज के सीने के बीच में रखकर 100 से 120 प्रति मिनट की दर से पुश किया जाना चाहिए। ऐसा तब तक करना चाहिए, जब तक मरीज होश में ना आ जाए। इसके बाद मरीज को फौरन हॉस्पिटल ले जाना चाहिए। सीपीआर कोई भी शख्स दे सकता है, इसके लिए जरूरी नहीं है कि आप डॉक्टर हों। क्योंकि जब भी किसी इंसान के साथ अचानक बेहोशी वाली बात होती है तो उसके पास बहुत कम समय बचता है। इस कम समय में उसे अगर सीपीआर मिल जाए तो उसकी जान बच सकती है। अगर इसमें देरी हुई तो इंसान का बचना मुश्किल हो जाता है।