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Malnutrition in India: जिस भारत में गेहूं-चावल की कमी नहीं वहां 22 करोड़ से ज्यादा लोग कुपोषित, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Malnutrition in India: चीन के बाद पूरि दुनिया में सबसे ज्यादा गेहूं-चावल का उत्पादन भारत करता है। लेकिन उसी भारत में 22 करोड़ लोग कुपोषण का शिकार हैं। वहीं 97 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें हेल्दी डाइट भी नहीं मिल रही है।

Written By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published : Jul 10, 2022 13:21 IST, Updated : Jul 10, 2022 13:23 IST
Malnutrition in India
Image Source : AP Malnutrition in India

Highlights

  • भारत में 22 करोड़ से ज्यादा लोग कुपोषित
  • 97 करोड़ लोगों को नहीं मिल रही हेल्दी डाइट
  • गेहूं-चावल के उत्पादन के मामले में भारत दूसरे नंबर पर

Malnutrition in India: चीन के बाद पूरि दुनिया में सबसे ज्यादा गेहूं-चावल का उत्पादन भारत करता है। लेकिन उसी भारत में 22 करोड़ लोग कुपोषण का शिकार हैं। वहीं 97 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें हेल्दी डाइट भी नहीं मिल रही है। ये आंकड़े कहीं और के नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र की 'द स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड 2022'  के रिपोर्ट के हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक पूरी दुनिया में 307.42 करोड़ लोग ऐसे थे, जिन्हें हेल्दी डाइट नहीं मिल रही थी।

वहीं भारत में हेल्दी डाइट ना पाने वालों की संख्या 97.33 करोड़ है। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि एक व्यक्ति को हेल्दी डाइट लेने के लिए कितना खर्च करना होगा। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में अगर कोई व्यक्ति एक दिन में हेल्दी डाइट लेता है तो उसे कुल 235 रुपए खर्च करने होंगे। इस हिसाब से एक व्यक्ति को हेल्दी डाइट के लिए हर महीने 7 हजार रुपए खर्च करने होंगे। 

भारत के हालात सुधर रहे थे

इसी रिपोर्ट में दावा है कि भारत के हालात पहले के मुकाबले सुधर रहे थे, लेकिन कोरोना महामारी ने इस पर ब्रेक लगा दी। अगर पुराने आंकड़ों को देखें तो साल 2017 में भारत में 75 फिसदी ऐसे लोग थे जिन्हें हेल्दी डाइट नहीं मिल रही थी। जबकि 2018 में ये संख्या कम हो कर 71.5 फीसदी पर आ गई थी। और 2019 में ये आंकड़ा घटकर 64.4 फीसदी पर आ गया था। लेकिन कोरोना के चलते 2020 में यह आंकड़ा बढ़कर फिर से 70 फीसदी के पार निकल गया।

भारत में गेहूं चावल की कमी नहीं

भारत में गेहूं-चावल के उत्पादन को देखें तो इस मामले में दुनिया में वह दूसरे नंबर पर है। अमेरिका की फॉरेन एग्रीकल्चर सर्विस की रिपोर्ट का कहना है कि दुनिया में भारत सबसे ज्यादा गेहूं-चावल उत्पादन के मामले में दूसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर चीन बना हुआ है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो साल 2021-22 में भारत में करीब 13 करोड़ टन चावल और 11 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हुआ था। 

सरकार क्या कर रही है

देश में इस वक्त नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत गरीबों को कम कीमत पर अनाज मिलता है। केंद्र सरकार फिलहाल मार्च 2020 से पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ गरीब भारतीयों को हर महीने 5 किलो अनाज मुफ्त में मुहैया कराती है। ये योजना सितंबर 2022 तक लागू रहेगा। इस योजना पर खर्च की बात करें तो सरकार ने इस पर 3.40 लाख करोड़ रुपए अभी तक खर्च कर दिए हैं।

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