Highlights
- 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के एक गवाह मुकरा
- भाजपा और आरएसएस नेताओं के नाम लेने के लिए धमकी दी गई थी- गवाह
नई दिल्ली: वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में एक गवाह के इस बयान के बाद कि उसे भाजपा और आरएसएस नेताओं के नाम लेने के लिए धमकी दी गई थी, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील देवधर ने कहा, मैं यह सुनकर चौंक गया था। उस समय मैं बीजेपी में नहीं था, आरएसएस के हिंदू जनजागरण मंच का मुंबई प्रमुख था। उस समय जिस तरह कांग्रेस-एनसीपी में आंतकवादियों को राजनीतिक समर्थन देने की होड़ लगी रहती थी उसे मैं एक्सपोज करता था शायद इसलिए मेरा नाम डालने की कोशिश की गई होगी।
उन्होंने कहा, ''गवाह द्वारा जो दावा किया गया है वह सत्य है क्योंकि उस समय अलिबाग में एक कार्यक्रम में शरद पवार ने बयान दिया था शुक्रवार के दिन कोई मुसलमान कैसे ब्लास्ट कर सकता है। इसका कोई और एंगल हो सकता है उसको तलाशना चाहिए। इसका मतलब ये प्री प्लान्ड था, इसमें कांग्रेस-एनसीपी का हाथ था। हिंदू समाज पर हिंदू आंतकवाद का लांछन लगाया, हिंदू समाज कभी इनको माफ नहीं करेगा।'' देवधर ने कहा, ''हिंदूत्व हमारा प्राण और श्वास है, यह हमारा एजेंडा नहीं है। ये राजनीतिक षडयंत्र था और इस मुद्दे को युपी चुनाव से जोड़ना सही नहीं होगा। विपक्ष को डर लग रहा है कि ये मुद्दा चुनावी मुद्दा बन जाएगा।''
उन्होंने कहा, ''कांग्रेस-एनसीपी ने जानबूझकर भगवा आतंकवाद बुना ताकि उस समय तो एक टर्म पॉपुलर हुआ था कि Muslim is not terrorist but Every terrorist is Muslim.. इस वजह से उनको बड़ा राजनीतिक नुकसान झेलना पड़ रहा था। देवधर ने कहा, इसमें योगी आदित्यनाथ, इंद्रेश कुमार का नाम आया है इसलिए यह बहुत गंभीर बात है लेकिन सरकार इसकी जांच नहीं करेगी।''
इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान उन्हें तथाकथित ‘भगवा आतंकवाद’ के झूठे मामलों में फंसाने के लिए गंदी राजनीतिक साजिश रची गई थी। उन्होंने भाजपा और आरएसएस नेताओं के चरित्र हनन के लिए कांग्रेस नेताओं- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, दिग्विजय सिंह और सलमान खुर्शीद से माफीनामे की मांग की। कुमार की यह प्रतिक्रिया 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के एक गवाह के मुकर जाने और मुंबई की एक अदालत में यह गवाही देने के बाद आई है कि तत्कालीन वरिष्ठ एटीएस अधिकारी परम बीर सिंह और एक अन्य अधिकारी ने उन्हें उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और इंद्रेश कुमार सहित आरएसएस के चार अन्य नेताओं का नाम लेने की धमकी दी थी।