Tuesday, November 19, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. मालेगांव ब्लास्ट केस: योगी आदित्यनाथ का नाम लेने का दबाव बना रही थी ATS, गवाह ने कोर्ट को बताया

मालेगांव ब्लास्ट केस: योगी आदित्यनाथ का नाम लेने का दबाव बना रही थी ATS, गवाह ने कोर्ट को बताया

मालेगांव बम धमाकों के गवाह ने कोर्ट को बताया कि उसे ATS के द्वारा टॉर्चर किया गया था क्योंकि पहले इस पूरे मामले की जांच भी एटीएस की टीम ही कर रही थी।

Reported by: Jayprakash Singh @jayprakashindia
Updated on: December 28, 2021 16:55 IST
2008 में हुए थे मालेगांव ब्लास्ट- India TV Hindi
Image Source : PTI 2008 में हुए थे मालेगांव ब्लास्ट

Highlights

  • योगी आदित्यनाथ और 4 लोगों का नाम लेने का बनाया था दवाब
  • मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान गवाह ने किया खुलासा
  • 29 सितंबर, 2008 को नूरजी मस्जिद के पास हुआ था ब्लास्ट

मालेगांव ब्लास्ट 2008  के 7 आरोपी UAPA और IPC के तहत ट्रायल पर हैं। मालेगांव बम धमाकों के गवाह ने कोर्ट को बताया कि उसे ATS के द्वारा टॉर्चर किया गया था क्योंकि पहले इस पूरे मामले की जांच भी एटीएस की टीम ही कर रही थी। इसके अलावा गवाह ने कोर्ट के सामने खुलासा किया कि जांच एजेंसी ने उसके ऊपर योगी आदित्यनाथ और 4 अन्य आरएसएस से जुड़े लोगों का नाम लेने का दवाब बनाया था।

मालेगांव ब्लास्ट के मुख्य आरोपी के तौर पर 4 और कुल 7 लोगों का नाम सामने आया था। चार मुख्य आरोपी थे- साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय और स्वामी दयानंद पांडे। धमाकों की शुरुआती जांच महाराष्ट्र ATS की तरफ से करने के बाद उस पर UAPA की धारा लगाई गई थी। फिर यह केस NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी) को सौंप दिया गया था। जिसके बाद इस मामले में कर्नल पुरोहित और साध्वी समेत कुल 7 आरोपियों पर आतंकी साजिश रचने के आरोप तय हुआ था। ATS ने जांच में पाया कि इसके आरोपियों के तार 2006 मालेगांव ब्लास्ट से भी जुड़े थे।

बता दें, मालेगांव, महाराष्ट्र के ज़िले नासिक का गांव है। इसके भीकू चौक पर नूरजी मस्जिद के पास 29 सितंबर, 2008 को ये ब्लास्ट तब हुआ, जब लोग नमाज पढ़ने जा रहे थे। ये बम एक मोटरसाइकिल में रखा था। धमाके के पीछे कट्टरपंथी हिंदू संगठनों का हाथ होने की बात सामने आई थी। जिसकी शुरुआती जांच महाराष्ट्री की एटीसी टीम को सौंप दी गई थी। धमाकों में सात लोग मारे गए थे और करीब 80 लोग घायल हुए थे।

आरोपियों पर क्या आरोप तय हुए थे

इन सभी पर UAPA की धारा 18 (आतंकी वारदात को अंजाम देना) और 16 (आतंकी वारदात को अंजाम देने की साजिश करना) के अलावा विस्फोटक कानून की धारा 3, 4, 5 और 6 के तहत आरोप तय हुए थे। 25 अप्रैल, 2017 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर और उनके छह सहयोगियों को जमानत दे दी थी। प्रज्ञा आठ साल से जेल में बंद रहीं। इसके बाद कर्नल पुरोहित को भी नौ साल जेल में बिताने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2017 में जमानत दे दी थी।

दिसंबर 2017 में साध्‍वी प्रज्ञा, कर्नल, रमेश उपाध्‍याय और अजय र‍हीकर समते चारों आरोपियों से मकोका और यूएपीए की धारा 17, 20 और 13 हटा दी गई थी। जिसके बाद उनपर सिर्फ अनलॉफुल एक्टिविटी (प्रिवेंशन) एक्‍ट (यूएपीए) की धारा 18 और अन्‍य धाराओं में केस चला। शिव नारायण कालसांगरा और श्‍याम साहू सभी आरोपों से बरी हो गए थे। इस मामले में सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं और स्‍पेशल एनआईए कोर्ट ने उनकी जमानत अवधि बढ़ा दी है।

कब-कब किस-किस ने की जांच

मामले की शुरुआती जांच महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते एटीएस ने की और उसने नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बाद में जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया था। एनआईए को जांच की जिम्मेदारी 2011 में सौंपी गई थी। बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू सामब्रे की पीठ ने नौ लोगों को दोषमुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई फिर से की थी।

एनआईए ने कोर्ट को 286 गवाहों और 216 अलग-अलग दस्तावेजों की एक लिस्ट सौंपी थी। सातों आरोपियों पर आतंकी साजिश रचने का आरोप तय हो गया था। जिसके ट्रायल के लिए अदालत ने इसकी सुनवाई 12 नवंबर 2018 तक के लिए टाल दी थी।

कैसे फंसे थे कर्नल

मालेगांव विस्फोट मामले में जेल में बंद उपाध्याय के लिए कहा जाता था कि उन्होंने एक अतिवादी हिंदूवादी संगठन अभिनव भारत बनाया, पुरोहित भी इस संगठन में शामिल हुए। पुरोहित पर सेना का 60 किलो आरडीएक्स चोरी करने, अभिनव भारत को फंडिंग करने और संगठन के लोगों को ट्रेनिंग देने का आरोप भी लगा। कहा यह भी गया कि इसी आरडीएक्स के एक छोटे से हिस्से का इस्तेमाल मालेगांव ब्लास्ट में किया गया।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement