Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स पर बड़ी कार्रवाई, भारत सरकार ने गैरकानूनी संगठन घोषित किया

नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स पर बड़ी कार्रवाई, भारत सरकार ने गैरकानूनी संगठन घोषित किया

नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स को भारत सरकार द्वारा गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया गया है। ये संगठन त्रिपुरा में सक्रिय थे और साल 2019 में इन पर 5 सालों के लिए बैन लगाया गया था।

Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published : Oct 03, 2023 20:28 IST, Updated : Oct 03, 2023 20:56 IST
PM MODI
Image Source : PTI/FILE पीएम मोदी

नई दिल्ली: नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स के खिलाफ भारत सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। भारत सरकार ने इन्हें गैरकानूनी संगठन घोषित किया है। 

नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा क्या है?

बता दें कि नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा भारत के त्रिपुरा में स्थित एक प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन है । इसके 800 से ज्यादा सदस्य माने जाते हैं। इसका उद्देश्य भारत से अलग एक स्वतंत्र त्रिपुरा राज्य स्थापित करना है, जिसके लिए वह पूर्वोत्तर भारत में विद्रोही गतिविधियों को अंजाम देता है। एनएलएफटी अपना अलग झंडा रखता है, जिसमें तीन रंग (हरा, सफेद और लाल) हैं। झंडे का हरा रंग त्रिपुरा पर संप्रभुता का प्रतीक है, इसी भूमि पर वे दावा करते हैं। झंडे का सफेद हिस्सा उस शांति को प्रदर्शित करता है, जिसे वह पाना चाहते हैं। वहीं लाल रंग वह उनकी हिंसक गतिविधियों को दर्शाता है। उनके ध्वज में एक तारा भी है, जिसे वह संघर्ष के दौरान मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में दर्शाते हैं।

ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स क्या है?

ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) भी एक त्रिपुरी राष्ट्रवादी उग्रवादी समूह था, जो भारत के त्रिपुरा राज्य में सक्रिय था। इसकी स्थापना 11 जुलाई 1990 को रंजीत देबबर्मा के नेतृत्व में पूर्व त्रिपुरा राष्ट्रीय स्वयंसेवक सदस्यों के एक समूह द्वारा की गई थी। एटीटीएफ को भारत एक आतंकवादी संगठन मानता है। दक्षिण एशियाई आतंकवाद पोर्टल के अनुसार, एटीटीएफ के लगभग 90% प्रशासन हिंदू हैं और बाकी ईसाई हैं।

कहा जाता है कि इस समूह का गठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) की सशस्त्र शाखा के रूप में किया गया था, लेकिन यह अपने ही संगठन में विभाजित हो गया। समूह का मुख्यालय बांग्लादेश के ताराबोन में था। अक्टूबर 2018 में, भारत सरकार ने हिंसक गतिविधियों की वजह से ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स और द नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा की निंदा की थी। 

जिसके बाद एटीटीएफ और एनएलएफटी को 2019 में अपने हालिया कार्यों का बचाव करने का मौका दिया गया था। भारतीय गृह मंत्रालय की एक टीम ने दोनों संगठनों की जांच की थी। इसके बाद जनवरी 2019 में एमएचए ट्रिब्यूनल ने एनएलएफटी और एटीटीएफ पर, उनके सभी गुटों, विंगों और फ्रंटल संगठनों के साथ, उनकी हिंसक और विध्वंसक गतिविधियों की वजह से 3 अक्टूबर को पांच साल का नया प्रतिबंध लगा दिया था।

ये भी पढ़ें: 

नरम पड़े कनाडा के तेवर! पीएम जस्टिन ट्रूडो बोले- हम भारत के साथ मामले को बढ़ाना नहीं चाहते बल्कि...

ग्रेटर नोएडा पुलिस पर उठ रहे सवाल! 20 महीने पहले चोरी हुई थी युवक की बाइक, रिपोर्ट अब दर्ज की

 

 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement