Thursday, November 21, 2024
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महाराष्ट्र और पंजाब समेत देश के सभी राज्यों में जगह बना रही मैत्रेय संस्था, दादाश्री ने बताया उद्देश्य

मैत्रेय संस्था से लगातार लाखों की संख्या में लोग जुड़ रहे हैं। इसकी शुरुआत साल 2013 में दादाश्रीजी ने की थी। उनका मानना है कि अंधकार से प्रकाश की ओर, झूठ से सच्चाई की ओर जो भ्रम हमारे अंदर हैं, उसे दूर करने के लिए ये परिवर्तन है।

Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Updated on: November 13, 2022 23:35 IST
Maitreya Dadashreeji- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV मैत्रेय दादाश्री

मैत्रेय संस्था महाराष्ट्र और पंजाब समेत देश के सभी राज्यों में जगह बना रही रही है। लाखों की संख्या में लोग इस संस्था के साथ जुड़ रहे हैं और इस परिवार का हिस्सा बन रहे हैं। मैत्रेय परिवार की शुरुआत साल 2013 में दादाश्रीजी ने की थी। उनका ये विश्वास है कि युवाओं में सहयोग की भावना जागनी चाहिए और देशभर में स्वच्छता और जागरुकता की भावना जागृत होनी चाहिए। इस परिवार का उद्देश्य जीवन से कष्टों को दूर करना है। प्राकृतिक सुंदरता के साथ वर्ल्डवाइड ट्रांसफॉर्मेशन की पहल में मैत्रेय दादाश्रीजी कहते हैं कि प्रेम और शांति का अनुभव प्यार, देखभाल और निस्वार्थता से मिलेगा। 

दादाश्री ने बताया परिवर्तन का उद्देश्य

दादाश्री ने बताया कि अंधकार से प्रकाश की ओर, झूठ से सच्चाई की ओर जो भ्रम हमारे अंदर हैं, उसे दूर करने के लिए ये परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि ज्ञान वो है, जो बोलकर नहीं बल्कि सहज भाव से साथ रहता है। हम उन सभी से मिल रहे हैं, जिनके अंदर शुद्ध भाव है और उन सभी को एक साथ लाकर देश की उन्नति के लिए आगे लाना है। सभी जुड़ेंगे तो ये परिवर्तन होगा।

उन्होंने कहा कि हमारे पास 2 विकल्प हैं, या तो जो चल रहा है उसे चलने दीजिए, या कुछ अच्छा करें। आपको अपने भीतर से कमियां निकालकर उन्नति की तरफ चलना है। उसके लिए परिवर्तन का संदेश मैत्रेय परिवार है।

देश को नई आध्यात्मिक ऊर्जा की जरूरत: दादाश्री

दादाश्री ने कहा कि आपको ये अहसास तो हो रहा होगा कि कुछ तो बदल रहा है। 15 साल पहले आपका दिमाग और आज के दिमाग मे अंतर आ चुका है। अगर आप दुखी हैं और आपका काम नहीं बन रहा है तो आप देखिए कि कहीं आप पुराने मन से काम तो नहीं कर रहे हैं। आज देश में नई आध्यात्मिक ऊर्जा की जरूरत है। आप प्रण लीजिए कि सत्य के लिए जाग्रत रहेंगे। आपको खुद शुरुआत करनी होगी। बड़ा प्राप्त करना है तो कुछ अलग करना होगा। एक कदम आगे चलना होगा।

उन्होंने कहा कि जब आप बढ़ेंगे तो प्रकृति और ईश्वर आपकी मदद करेंगे। ईश्वर ने ठान लिया है कि जो अब तक पाया, अब आगे प्रकृति करेगी। आपको ईश्वर के साथ चलना होगा। हम सभी उस सत्य के लिए तैयार रहें। 

मानव शरीर जल्दी नहीं मिलता: दादाश्री

दादाश्री ने कहा कि भगवान बुद्ध, शंकराचार्य, गुरुनानक देव जैसे महान संतों को आप सब मानते हैं। क्या आपने उनकी विशेषताओं का अनुभव किया है? ऐसा क्या है जो उन्हें मिल गया लेकिन आपको नहीं मिला? आपको उसी सत्य की ओर चलना है। इस शरीर मे रहते हुए आप नाम और प्रॉपर्टी कमा सकते हो लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आप जीवन में क्या कर रहे हैं। जिन्हें ये सब मिला, क्या वो तृप्त हुए? 

दादाश्री ने कहा कि मानव शरीर जल्दी नहीं मिलता। आपको ऑक्सीजन फ्री मिलता है, मालिक आपको जिंदा रख रहा है। ऐसा क्या उन्होंने अनुभव किया जो हम नहीं कर पा रहे हैं। सत्य कहां है? क्या वह गुफाओं और जंगलों में है? ऐसा नहीं है। ईश्वर सर्वत्र है। सभी के साथ है। ईश्वर को तलाशने के लिए कहीं नहीं जाना है। वो वहीं पर है, जहां आप हो। 

उन्होंने कहा कि जब तक आप अधूरे हैं, तब तक कुछ न कुछ पकड़ा रहे हैं। आपमें से 80-90 प्रतिशत लोग परेशान हैं ये सोचकर कि संसार ऐसे ही चलेगा। लेकिन ऐसा नहीं है। परिवर्तन जरूरी है। आपके कर्म बुरे हों या अच्छे, जीवन यहीं है। आपको जो हो रहा है, उसी धारा में बहना पड़ेगा। आप दान पुण्य करते हो, फिर भी आपके साथ गलत हो रहा है। ऐसा सभी के साथ है। हमारे हाथ में क्या है? हम अपने मन को सक्षम करें, मुक्त करें, निर्भय करें। जिन नेत्रों से आप देखते हो, वहां से सब अलग दिखता है। आप ऐसा काम करो कि पैसा आपके पीछे भागे।

 

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