कर्नाटक के मंगलुरू शहर में 19 नवंबर को हुए ऑटो ब्लास्ट के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी की पहचान कर ली है। इस ब्लास्ट में ऑटो चालक पुरुषोत्तम के साथ-साथ शारिक नाम का यह युवक भी झुलस गया, फिलहाल इन दोनों का इलाज मंगलुरू के एक अस्पताल में किया जा रहा है। शारिक के बारे में पुलिस ने बताया कि वह आईएसआईएस के हेंडलर्स के सम्पर्क में था और इससे पहले भी शिवमोगा में बम ब्लास्ट का ट्रायल कर चुका है। यही नहीं शारिक पर साल 2020 में मंगलुरू में दीवारों पर ग्राफिटी के जरिए देश विरोधी नारे लिखने का भी एक मामला दर्ज किया गया था। इस केस के कुछ दिनों तक जेल में रहने के बाद बाद में उसे बेल मिल गई थी।
शिवमोगा में एक ट्रायल ब्लास्ट में भी शामिल था आरोपी
पुलिस को शारिक की तलाश काफी समय से थी, दरअसल सितंबर के महीने में शिवमोगा में तुंगभद्रा नदी के किनारे एक ट्रायल ब्लास्ट किए जाने की रिपोर्ट सामने आई थी। पुलिस ने जांच की और पाया कि इस ट्रायल ब्लास्ट में शारिक, माज मुनीर और सैयद यासीन शामिल थे। 19 सितंबर को इस बात की जानकारी मिलने के तुरंत बाद पुलिस हरकत में आई और 20 सितंबर को माज मुनीर और सैयद यासीन को अरेस्ट कर लिया गया, लेकिन शारिक पुलिस को चकमा देकर वहां से फरार होने में कामयाब रहा। इसके बाद से ही पुलिस की स्पेशल टीम शारिक को लगातार ढूंढ रही थी।
शनिवार की शाम को मंगलुरू में हुए ऑटो ब्लास्ट के बाद पुलिस को यह जानकारी मिली की शिवमोगा से फरार होने के बाद शारिक एक चोरी के आधार कार्ड की मदद से मैसुरू में एक घर किराए पर लेकर रह रहा था और वहीं पर उसने बम बनाने की प्रैक्टिस भी की थी। मैसुरू के अलावा शिवमोग्गा और मंगलुरु में भी उसने अपना ठिकाना बना रखा था। मंगलुरू बम ब्लास्ट की खबर सामने आने के बाद पुलिस ने मैसुरू, शिवमोग्गा, और मंगलुरू में तकरीबन 7 ठिकानों पर सर्च किया और शारिक के मैसुरू के घर से बम बनाने का बहुत सारा सामान बरामद भी किया।
घरवालों के शिनाख्त करने के बाद पुलिस ने दी जानकारी
मंगलुरू ऑटो बम ब्लास्ट के तुरंत बाद की गई जांच में पुलिस को इस बात का यकीन हो गया था कि जो व्यक्ति ऑटो में सवार था वह मुख्य आरोपी शाकिर ही है। लेकिन क्योंकि इस हादसे में उसका चेहरा झुलसा हुआ था, इस वजह से पुलिस पक्के तौर पर इस बात को कह नहीं पा रही थी। यही वजह थी कि आज सुबह शारिक के घरवालों को मंगलुरू अस्पताल बुलाया गया और जब उन्होंने शारिक की पहचान कर ली इसके बाद एडीजी पी लॉ एंड ऑर्डर आलोक कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये पूरी जानकारी दी।
'ब्लास्ट की तय जगह से पहले ही फट गया था बम'
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि शिवामोगा से फरार होने के बाद आरोपी शारिक मैसूर में एक किराए के मकान में रहने लगा था। उसने यहीं से मंगलुरू में एक बम ब्लास्ट करने की योजना बनाई, जिसके बाद सबसे पहले वह तमिलनाडु के कोयंबटूर गया। कोयंबटूर से उसने एक सिम कार्ड खरीदा जिसे वह इस कुकर बम के ट्रिगर के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता था। पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई की 19 तारीख की घटना से तकरीबन 10 दिन पहले वह कुछ दिन के लिए मंगलुरु में था। इस दौरान उसने कुछ ऐसी जगहों को चुना, जहां पर वो ब्लास्ट करना चाहता था लेकिन 19 तारीख की शाम को तय जगह पर पहुंचने से पहले ही ऑटो के अंदर ही बम फट गया।
'अभी शारिक का स्टेटमेंट रिकॉर्ड नहीं हुआ है'
पुलिस के मुताबिक शारिक अभी कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं है इसीलिए अभी तक उसका स्टेटमेंट रिकॉर्ड नहीं किया गया है लेकिन पुलिस अब यह पता करने की कोशिश कर रही है कि आखिर वह इस बम ब्लास्ट कहां करना चाहता था कर्नाटक पुलिस के अलावा एनआईए की टीम भी मंगलुरू में मौजूद है और इस पूरे मामले की गहनता से जांच जारी है।