Highlights
- सुल्तान ने गुजरात के पावागढ़ में कालिका माता मंदिर के शिखर को किया था नष्ट
- सुल्तान ने मंदिर को नष्ट करके पीर सदनशाह की दरगाह बना दी थी
- पीएम मोदी ने शनिवार को इसी मंदिर में 500 साल बाद ध्वज फहराया
Mahmud Begada: कहते हैं कि भारत का इतिहास अनोखी कहानियों से भरा हुआ है। ऐसी ही कहानी गुजरात के छठे सुल्तान महमूद बेगड़ा (Mahmud Begada) की थी। उसका पूरा नाम अबुल फत नासिर-उद-दीन महमूद शाह प्रथम था और वह अपनी राक्षसी खाने की आदत और जहरीले स्वभाव की वजह से इतिहास में काफी चर्चित रहा। आज इस सुल्तान की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि उसने जिस मंदिर को गुजरात में दरगाह में बदल दिया था, PM मोदी ने 500 साल बाद उसी मंदिर में पताका फहराई है।
गुजरात के मंदिर में पीएम मोदी ने फहराया ध्वज
पीएम मोदी ने शनिवार को गुजरात के पावागढ़ में कालिका माता मंदिर में 500 साल बाद ध्वज फहराया है। ये वही मंदिर है जिसके शिखर को गुजरात के सुल्तान महमूद बेगड़ा ने नष्ट करके पीर सदनशाह की दरगाह बना दी थी। हालांकि अब 500 साल बाद जब पीएम ने इस मंदिर पर ध्वज फहराया है तो उस जहरीले सुल्तान की भी चर्चा हो रही है जो इतिहास में अपने राक्षसी स्वभाव के लिए जाना जाता रहा।
जहरीला था सुल्तान महमूद बेगड़ा
पुर्तगाली यात्री बाबोसा ने अपनी किताब ‘द बुक ऑफ ड्यूरेटे बाबोसा वॉल्यूम 1’ में इस बात का जिक्र किया है कि महमूद बेगड़ा का बचपन में पालन पोषण जहर खिलाकर किया गया था। उसके पिता का ये मानना था कि ऐसा करने से महमूद को कोई जहर देकर नहीं मार पाएगा। इसीलिए महमूद को खाने में हल्का जहर मिलाकर दिया जाता था। ऐसा करने की वजह से महमूद का पूरा शरीर जहरीला हो गया। उसके जहरीलेपन का अंदाजा केवल इस बात से लगाया जा सकता है कि जो भी महिला उसके साथ शारीरिक संबंध बनाती थी, उसकी मौत हो जाती थी। यहां तक कि अगर कोई मक्खी भी महमूद के शरीर पर बैठती थी तो उसकी भी मौत हो जाती थी।
सुल्तान के थूकने से हो जाती थी दुश्मनों की मौत
इटैलियन यात्री लुडोविको डि वर्थेमा ने अपनी किताब ‘इटिनेरारियो डी लुडोइको डी वर्थेमा बोलोग्नीज’ में इस बात का जिक्र किया है कि बेगड़ा इतनी जहरीला था कि अगर वह पान खाकर किसी के ऊपर थूक देता था, तो उस शख्स की मौत हो जाती थी। इस प्रक्रिया में महज आधे घंटे का समय लगता था। इसके अलावा सुल्तान अपनी मूंछों की वजह से भी काफी चर्चा में रहता था। वह इन्हें साफे की तरह सिर पर बांधता था। इसके अलावा दिलचस्प बात ये भी है कि सुल्तान उन लोगों को अपने दरबार में महत्व देता था, जिनकी मूंछ और दाढ़ी बड़ी होती थी।
एक दिन में 35 किलो खाना खाता था महमूद
सुल्तान के बारे में एक कहानी ये भी चर्चा में है कि उसकी भूख राक्षसों की तरह थी और वह दिन में 35 किलो खाना खाता था। वह एक बार में 12 दर्जन तक केले खा सकता था। हालांकि इंडिया टीवी इन दावों की पुष्टि नहीं करता।