Highlights
- अलग-अलग धर्मों के लोग भी शामिल होते थे
- उस में राम के साथ अल्लाह का भी जिक्र है
- महात्मा गांधी लॉ की पढ़ाई करने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए थे
Raghupati Raghava Raja Ram: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का बयान हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। कई बार उनके बयान खास धर्म विशेष होते हैं। इस बार भी फिर उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है जिसके बाद महबूबा मीडिया की सुर्खियों में बनी हुई है। उन्होंने स्कूलों में बच्चों के 'रघुपति राघव राजा राम' गीत पर आपत्ति जताई है। इस गीत से महबूबा को क्या दिक्कत हो गई। आखिर इस गीत के बोल क्या है। इस गीत का इतिहास क्या है आज इसके बारे में हम जानेंगे।
क्या दिक्कत है महबूबा को
महबूबा ने विवादित बयान देते हुए कहा कि "पहले बच्चे 'लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी' गाते थे जिसे बंद करा दिया गया। इसमें क्या गलत था, यह गीत किसी धर्म से जुड़ा नहीं था। महबूबा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हम गांधी की इज्जत करते हैं लेकिन मुस्लिम बच्चे को इस गाने के लिए कहना गलत है। आप कब से गांधी के कद्रदान बन गए आप तो गोडसे से की पूजा करते हैं जिसने गांधी को मारा था"।
जब बापू भारत लौटे
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आजादी के आंदोलन के समय हिंदू मुस्लिम को एक करने के लिए इस गीत को हमेशा जिन सभाओं में जाते थे वह गाया करते थे। जिस गीत को गांधी मानते थे वह गीत आज सांप्रदायिक कैसे हो गया। बता दें कि महात्मा गांधी लॉ की पढ़ाई करने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए थे, पढ़ाई पूरी होते ही वह भारत लौट आए। उस समय देश में अंग्रेजों ने अपना वर्चस्व कायम कर लिया था। अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए महात्मा गांधी भी इस लड़ाई में उतर गए। स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान अंग्रेजों ने भारतीयों को नमक बनाने और बेचने पर बैन लगाने का कानून लागू किया। इस कानून के विरोध में महात्मा गांधी ने 1930 में दांडी यात्रा शुरू की। जिसे दांडी मार्च भी कहा जाता है। इस दौरान जगह-जगह कई प्रार्थनाएं सभाएं आयोजित की गई।
क्या इस गीत को गांधी ने लिखा था?
इन आयोजनों में अलग-अलग धर्मों के लोग भी शामिल होते थे। खास तौर पर गांधी 'रघुपति राघव राजा राम' वही गीत गाए करते थे ताकि सभा में ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम और हिंदू एक साथ हैं। महात्मा गांधी ने इस गीत को इतना गुनगुनाया कि भारत के लोगों को लगने लगा कि इस गाने के लेखक या यूं कहें रचयिता गांधी जी हैं। जबकि ऐसा नहीं है। इस गाना के लेखक श्री लक्ष्मण आचार्य थे। उन्होंने यह भजन प्रभु राम के यह लिखा था। यह भजन श्री नमः रामायण का एक हिस्सा है। जिस की कुछ पंक्तियां बापू ने अपने मुताबिक बदला और गीत के रूप में सभा में उसे गुनगुनाने लगे। बाद में वही सबसे अधिक चर्चित हुआ।
हिंदू-मुस्लिम एक करने के लिए बनाया गया
हैरान कर देने वाली बात है कि जिस भजन को लेकर मुफ्ती ने सवाल उठाए हैं, उस में राम के साथ अल्लाह का भी जिक्र है। इस भजन का बदलाव इसलिए ही किया गया था कि ताकि हिंदू और मुस्लिम एक जुट हो। यह गाना इतना पॉपुलर हुआ कि हिंदी फिल्मों में भी इसे कई बार गाया गया। आपको याद होगा तो लगे रहो मुन्ना भाई और कुछ कुछ होता है जैसी फिल्मों में दिखाया भी गया।