Highlights
- शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना भाजपा के लिए पचाना मुश्किल था
- केंद्र नेतृत्व के फैसले का सम्मान कर बनाया गया मुख्यमंत्री
- महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार अभी तक नहीं हुआ है
Maharashtra Politics: एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर बीजेपी की आज पहली बार दर्द बाहर निकल के सामने आया है। अब इस मुद्दे पर बीजेपी में विरोध के स्वर उठते दिख रहे हैं। बता दें कि आज राज्य की कार्यकारिणी बैठक में महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने ऐसा बयान दिया कि राजनीति के गलियारे में चर्चा का विषय बन गया। दरअसल, बैठक में पाटिल ने कहा कि सरकार को स्थिर बनाने और एक मैसेज देने के लिए शिंदे को हमने मन पर पत्थर रखकर राज्य का मुख्यमंत्री बनाया। यह दुख हमने पचाया और आनंद के साथ अपनी गाड़ी लेकर आगे बढ़ चले।
उद्धव की शिवसेना का करारा जवाब
पाटिल के वक्तव्य पर शिवसेना ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि राज्य में बाढ़ की स्थिति निर्माण हुई है। राज्य में अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार भी नहीं हुआ है। यह सरकार 6 महीने से ज्यादा नहीं टिक पाएगी।
30 जून को शिंदे ने ली थी शपथ
बता दें कि बीते 30 जून को शिवसेना से बागी हुए एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ ली थी और देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। देवेंद्र फडणवीस का उपमुख्यमंत्री बनना सबको चौंका दिया था। आज जाकर इस मामले पर बीजेपी का दर्द छलका।
राज्य में मंत्रीमंडल के विस्तार को लेकर सबकी निगाहें केंद्र पर टिकी
महाराष्ट्र की नई सरकार बनने के 22 दिन बाद भी आज तक मंत्रीमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री शिंदे और उनके डिप्टी फडणवीस के दिल्ली दौरे के बाद शीर्ष भाजपा नेतृत्व मंत्रियों की सूची को मंजूरी दे सकता है। मंत्रियों के विभाग के बंटवारे को लेकर शिंदे गुट और फडणवीस समर्थक विधायकों की अनिश्चितताएं बरकरार है क्योंकि केंद्र का फैसला इस बार भी चौंकाने वाला हो सकता है।