Sunday, December 22, 2024
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Maharashtra Politics: सुप्रीम कोर्ट में आज नहीं होगी महाराष्ट्र मामले की सुनवाई, तब तक उद्धव गुट को अयोग्य नहीं कर सकेंगे स्पीकर

Maharashtra Politics: सुप्रीम कोर्ट ने Disqualification की सभी कार्रवाई पर रोक लगाई। चीफ जस्टिस ने कहा कि महाराष्ट्र मामले की सुनवाई अब संवैधानिक बेंच करेगी।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Jul 11, 2022 11:30 IST, Updated : Jul 11, 2022 11:50 IST
Supreme Court
Image Source : FILE PHOTO Supreme Court

Maharashtra Politics: सुप्रीम कोर्ट में आज महाराष्ट्र मामले की सु​नवाई नहीं होगी। कोर्ट अभी बेंच का गठन करेगी। उसके बाद मामले की लिस्टिंग होगी। सुप्रीम कोर्ट ने Disqualification की सभी कार्रवाई पर रोक लगाई। चीफ जस्टिस ने कहा कि महाराष्ट्र मामले की सुनवाई अब संवैधानिक बेंच करेगी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पुराने स्पीकर द्वारा न ही शिंदे ग्रुप के विधायकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई और न ही नए स्पीकर द्वारा उद्धव ग्रुप के विधायकों पर कार्रवाई होगी। यह रोक अगली सुनवाई तक जारी रहेगी।

उद्धव गुट आज ही सुनवाई की कर रहा था मांग

वहीं उद्धव गुट सुनवाई की मांग कर रहा था। महाराष्ट्र विधानसभा के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत ने SC में जवाब दाखिल किया। कहा कि 3 जुलाई को राहुल नार्वेकर को विधानसभा अध्यक्ष चुना गया है। अब उन्हें अयोग्यता का मामला देखना है। ऐसे में डिप्टी स्पीकर की तरफ से भेजे नोटिस को चुनौती देने वाली विधायकों की याचिका का SC निपटारा कर दे। 

विधायकों को जारी हुए थे कारण बताओ नोटिस 

हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा के सचिवालय ने शिवसेना के 55 विधायकों में से 53 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इन 53 विधायकों में से 39 विधायक एकनाथ शिंदे के गुट में शमिल हैं और 14 विधायक उद्धव ठाकरे के गुट में शमिल हैं। हालांकि ठाकरे गुट के 14 विधायकों में से संतोष बांगर शक्ति परीक्षण के दिन शिंदे गुट में शमिल हो गए थे, उन्हें भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। 

दोनों गुटों ने जारी किए थे अलग-अलग व्हिप 

इससे पहले दोनों गुटों ने 3-4 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव और विश्वासमत के प्रस्ताव पर अलग-अलग व्हिप जारी किये थे। जिसके बाद दोनों गुटों ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए दोनों पक्षों के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है। शिंदे खेमे ने उन विधायकों की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का नाम शामिल नहीं किया है, जिन्हें उन्होंने अयोग्य ठहराने की मांग की है। नोटिस महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य दल-बदल के  नियमों के तहत जारी किए गए हैं। विधायकों को सात दिन के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा गया है।  

वहीं खबर आ रही है कि विधायकों के शिंदे गुट में शमिल होने के बाद अब सांसदों में भी फूट होने वाली है। इस बारे में पिछले दिनों दिल्ली में एक बैठक भी हुई थी। खबर है कि इस बैठक में बीजेपी से गठबंधन की बात कही गई है। और बारे में उद्धव ठाकरे को सूचित भी किया गया। लेकिन उद्धव गुट के एक सांसद संजय मांडलिक ने इससे इंकार किया है। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे एक सांसद बेटे और एक-दो और सांसदों के अलावा सभी सांसद पार्टी के साथ हैं और कोई फूट नहीं होने वाली है।   

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