स्वतंत्रता सेनानियों के लिए सरकार तमाम तरह की मुहिम चलाती है क्योंकि उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना, देश की सेवा के लिए जो कुछ किया है, वो कर्ज कोई नहीं उतार सकता। ऐसे में नौकरी के बाद मिलने वाली पेंशन भी जीवनयापन के लिए जरूरी हो जाती है। इसका भी सरकार पूरा ध्यान रखती है। इस बीच खबर आई है कि देश का एक राज्य ऐसा भी है, जहां स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन को दोगुना कर दिया गया है। ये फैसला महाराष्ट्र की सरकार ने लिया है।
महाराष्ट्र सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, मराठावाड़ा मुक्ति संग्राम और गोवा मुक्ति संघर्ष में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन गुरुवार को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रति माह कर दी है। यहां मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की साप्ताहिक बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। मंत्रिमंडल ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की श्रेणी के तहत नौकरियों के लिए सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों (मराठाओं) को कोटे का लाभ उठाने की मंजूरी देने वाला प्रस्ताव भी पारित कर दिया है।
भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से जारी एक बयान के अनुसार, इस संबंध में मंत्रिमंडल ने 9 सितंबर 2020 के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। बयान के अनुसार, उन किसानों के कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) के चुनाव लड़ने की मंजूरी देने वाले प्रस्ताव को भी पारित कर दिया गया, जिनके नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं। मंत्रिमंडल ने राज्य में सड़क विकास परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए कर्ज के जरिए 35,629 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। इससे ऐसी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में तेजी लाने के लिए भी मदद मिलेगी।