मुंबई: निवेश घोटाले और पीएमएलए 2002 में मामले में ED ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पंकज मेहदिया से जुड़े मुंबई और नागपुर में 15 जगहों पर छापेमार कार्रवाई की। जांच एजेंसी ने यह कार्रवाई 3 मार्च को की। इस दौरान घोटाले के मुख्य आरोपी पंकज मेहदिया, लोकेश जैन, कार्तिक जैन के आवासों और कार्यालयों और मुख्य लाभार्थियों के कार्यालय और आवासीय परिसरों में भी तलाशी ली गई।
ईडी ने पंकज नंदलाल मेहादिया, लोकेश संतोष जैन, कार्तिक संतोष जैन, बालमुकुंद लालचंद कील, प्रेमलता नंदलाल महदिया के खिलाफ धोखाधड़ी में करोड़ों रुपये के निवेशकों को नुकसान पहुंचाने वाले सीताबुलडी पुलिस स्टेशन, नागपुर में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की। पीएमएलए जांच से पता चला कि पंकज नंदलाल मेहदिया अन्य सहयोगियों के साथ एक पोंजी योजना चला रहे थे और वर्ष 2004 से 2017 तक किए गए निवेश पर टीडीएस काटने के बाद 12% निश्चित लाभ देने का वादा करके विभिन्न निवेशकों को लुभाते थे।
भरोसे में लेकर निवेशकों को ठगा गया
2005 से 2016 की अवधि के दौरान, निवेशकों के पैसे को धोखा देने और हड़पने के दुर्भावनापूर्ण इरादों के साथ, आरोपी व्यक्तियों ने निवेशकों के भरोसे को जीतने के लिए सुनिश्चित रिटर्न देने वाली फर्जी योजना चलाई और इस प्रकार निवेशकों को संबंधित फर्मों/कंपनियों में बड़ी मात्रा में निवेश करने का लालच दिया और बाद में पैस वापस नहीं दिए। इन पैसों को डायवर्ट करने और लेन-देन को वैधता देने के लिए, बैंक खातों में 150 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन किये गए और यह संदेह है कि इनमें से अधिकांश लेनदेन वास्तविक व्यापारिक सौदों द्वारा समर्थित नहीं हैं।
करोड़ों के गहने और नकदी की बरामद
इस कार्रवाई के दौरान ईडी ने नागपुर और मुंबई में 15 स्थानों पर तलाशी और सर्वेक्षण किया और तलाशी के दौरान 5.51 करोड़ रुपये के सोने और हीरे के आभूषण, लगभग 1.21 करोड़ रुपये की नकदी, डिजिटल उपकरण और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद और जब्त किए हैं।
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