Highlights
- महाराजा हरि सिंह की जयंती पर जम्मू में जुलूस
- जम्मू कश्मीर के रहे हैं आखिरी डोगरा शासक
- जम्मू में धूमधाम से मनाई गई हरि सिंह की जयंती
Maharaja Hari Singh Jayanti: जम्मू कश्मीर के आखिरी डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह की जयंती शुक्रवार को जम्मू में धूमधाम से मनाई गई। यहां लोगों ने शहर भर में जुलूस निकाले। उपराज्यपाल के प्रशासन ने महाराजा हरि सिंह की जयंती पर हाल में केंद्र शासित प्रदेश में छुट्टी घोषित की है, उनकी जयंती 23 सितंबर को पड़ती है। हरि सिंह के प्रपौत्र ने शुक्रवार सुबह रणबीरेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की जिसके साथ ही जश्न की शुरुआत हुई। विधान परिषद के पूर्व सदस्य विक्रादित्य ने पत्रकारों से कहा, “ मैं महाराज हरि सिंह जी की 127वीं जयंती पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई देना चाहता हूं। उनकी जयंती पर छुट्टी देना जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों, खासकर जम्मू के युवाओं की जीत है।”
राजपूत समुदाय ने निकाला विजय जुलूस
युवा राजपूत सभा (YRS) ने भी गुरुवार रात से ही जयंती मनाना शुरू कर दी थी जो शुक्रवार तक जारी रही जबकि समाज के सभी तबकों के लोग दिवंगत महाराज को श्रद्धांजलि देने के लिए तावी पुल और महाराज हरि सिंह पार्क में जमा हुए। रंग बिरंगी पगड़ी बांधे और अपने संगठन का झंडा थामे राजपूत समुदाय के लोगों ने बान तालाब इलाके में दो पहिया वाहन, ट्रैक्टर, कार, और घोड़ों पर विजय जुलूस निकाला। उन्होंने हरि सिंह का महिमामंडन करने वाले नारे लगाए और तलावरें लहराईं। वाईआरएस नेता अर्जुन सिंह ने कहा “हमारे निरंतर आंदोलन के परिणाम सामने आए और सरकार ने महाराज की जयंती पर छुट्टी की घोषणा की।” उन्होंने कहा कि भूतपूर्व पूर्ण राज्य पर शासन करने वाले कश्मीर के राजनीतिक दलों ने हरि सिंह की जयंती पर छुट्टी देने का विरोध किया था।
ढोल की थाप पर नाचे रविंदर रैना
बता दें कि हरि सिंह ने 26 अक्टूबर 1947 को भारत में विलय के पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। तावी पुल पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष रविंदर रैना समेत अन्य नेताओं ने 'महाराज हरि सिंह अमर रहे' के नारों के बीच ढोल की थाप पर नृत्य किया। इस दौरान रैना ने पत्रकारों से कहा, “यह लोगों की जीत है। न्याय किया गया है। हम जम्मू-कश्मीर के लोगों, खासकर युवा राजपूतों को उनकी लड़ाई के लिए बधाई देते हैं।"
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य की मांग छेड़ी
कांग्रेस ने अपने कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला के नेतृत्व में जश्न में शिकरत की और कहा कि अब वक्त आ गया है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर की पूर्ण राज्य की बहाली की अन्य मांग को पूरा करे। पूर्व मंत्री और सांसद चौधरी लाल सिंह ने भी विजय रैली निकाली और कहा कि यह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ने का समय है। विस्थापित कश्मीरी पंडितों के एक समूह ने मुठी इलाके में रैली निकाली और महाराज के समर्थन में नारे लगाए। कठुआ, सांबा, उधमपुर, रियासी, डोडा, किश्तवाड़ और राजौरी जिलों में भी जयंती मनाई गई ।