योग गुरू स्वामी रामदेव इंडिया टीवी के सत्य सनातन कॉन्क्लेव में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने सनातन के मुद्दे पर खुलकर बात की और कहा कि सीएम योगी और पीएम मोदी के शासन से सनातन का गौरव है। इस दौरान पंडित पवन कौशिक ने कहा कि कुंभ को सनातन की शक्ति प्रदर्शन का केंद्र माना जा सकता है। व्यक्ति का जो चरित्र है, उसके व्यक्तित्व का वह परिचय देता है। हमने कभी किसी को पराया नहीं माना। लेकिन जो व्यक्ति हमारे धर्म का, माता गंगा का, भगवान का, श्रीराम का सम्मान नहीं करता, उसे कुंभ में आकर क्या करना है। कुंभ लोग पाप धोने की इच्छा से आते हैं। लेकिन ऐसे व्यक्ति जो पाप को पाप नहीं मानते और भगवान में आस्था नहीं रखते हैं वो यहां क्या करने आएंगे। वृंदावन में बिहारी जी की बहुत सारी पोशाके मुस्लिम भाई बनाते हैं। मुस्लिम भी हमारे भाई हैं, वे बस मार्ग भटक गए हैं।
कुंभ में श्रद्धा है तभी कुंभ आएं मुसलमान
उन्होंने कहा कि एक मुस्लिम ने हमसे वृंदावन में कहा कि हमारे अल्लाह हमारे लिए कुछ ऐसा बनाकर नहीं गए, केवल मार-काट सिखा कर गए। मेरे भले आदमियों जो चंद्रमा है ना वो मेरा देवता है। वह भगवान शिव के शीश पर बैठे हैं। अगर आप चंद्रमा को पिता मानते हैं तो शंकर जी आपके दादा जी, पितामह हो गए। इसलिए भाई तो आप हमारे हो लेकिन आप मार्ग भटक गए हो। आप यदि भगवान में, कुंभ में, प्रयाग में श्रद्धा रखते हैं तो आपका स्वागत है। अगर आपका श्रद्धा नहीं है तो आप ना ही आएं तो सही है। हम आपके मदरसे में दुकान लगाने या मस्जिद में फूल की दुकान लगाने हम नहीं जानते हैं। रोजी रोटी आपको कुंभ से कमाना है लेकिन आपको कुंभ में, धर्म में साधु संतों में श्रद्धा नहीं रखनी है। जैसे आप पहले कमाते थे वैसे ही कमाइए। कुंभ से पहले आप भूखे नहीं मर रहे थे।
हिंदुओं ने संस्कृत पढ़ना छोड़ दिया
उन्होंने कहा कि डॉक्टर का धर्म है अपने रोगी का इलाज करना, जिसने ये कसम खाई हो कि हम धर्म का पालन करते हुए सबकी सेवा करेंगे तो आपका स्वागत है। यदि आपकी श्रद्धा नहीं है तो हमें आपसे इलाज भी नहीं करवाना, हम कहीं और इलाज करवा लेंगे। विदेश से जो लोग आ रहे हैं। आज मैं वृंदावन में कितने विदेशी दिखा देंगे जो तिलक लगा रहे हैं। हम उनका स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि जिस समय हमारे देश में मुस्लिम आक्रांताओं का आक्रमण हुआ, तो सबसे पहले उन्होंने हमारे धर्मग्रंथों पर आघात किया। प्रयागराज में बहुत बड़ी लाइब्रेरी थी, उसे जलाकर उन्होंने राख कर दिया। आज हमारे हिंदुत्व में थोड़ी कमी आ गई है। हम अपनी भाषा, अपनी संस्कृति का सम्मान करना भूल गए हैं। आज जो हिंदू धर्म का विनाश हो रहा है उसका दोष हम पर है। मुस्लिमों, सिखों का धर्मग्रंथ उस भाषा में है जिसमें वो पाठ करते हैं। हमारे लोग तो संस्कृत पढ़ना छोड़ दिया है।
पवन कौशिक बोले- सोशल मीडिया के जरिए संतों की आवाज दूर तक पहुंच रही है
उन्होंने कहा कि मुस्लिम आक्रांताओं का जब हमला हुआ तो उन्होंने शब्दों को बदला। फिर जैसे इन लोगों ने हमें पढ़ा दिया, तो हमारे भोले लोगों ने पढ़ लिया। आज जो सोशल मीडिया आया है, उससे संतजनों की आवाज जन-जन तक पहुंच रहा है। केवल संतों के ही कुछ करने से नहीं होगा। स्वच्छता अभियान मोदी जी कहते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि देशभर में वही झाड़ू लगाते फिरेंगे। आज सोशल मीडिया के माध्यम से संतों की आवाज जनमानस तक पहुंच रहा है और लोग जग रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जो इन मुस्लिम आक्रांताओं के समय से अधर्म का बाहुल्य हुआ। तो आज इतना भी अधर्म नहीं हुआ कि भगवान को आना पड़े। यदि आज हम जग गए तो संस्कृति जग जाएगी, वरना पाश्चात्य संस्कृति का गुलाम तो होना ही है।