महाकुंभ विदेशियों को भी अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है, जिसमें दक्षिण कोरियाई यूट्यूबर से लेकर परंपराओं की गहरी समझ हासिल करने की ललक रखने वाले जापानी पर्यटक भी शामिल हैं। इटली से आने वाली वेलेरिया ने महाकुंभ के आध्यात्मिक वातावरण को “अद्भुत और रोमांचक” करार दिया। हालांकि, उन्होंने और उनके पति मिखाइल ने ठंडे मौसम के कारण पवित्र जल में डुबकी नहीं लगाई।वेलेरिया के पति मिखाइल ने मजाकिया लहजे में कहा, “मेरी पत्नी ने मुझे धमकी दी कि अगर मैंने संगम में डुबकी लगाई, तो वह मुझे छोड़ देगी, क्योंकि पानी बहुत ठंडा है!” दंपति ने कहा कि ठंड कम होने पर वे एक बार फिर महाकुंभ में आने की कोशिश करेंगे।
अमेरिका से आए बाबा ने कही बड़ी बात
अमेरिकी सेना का हिस्सा रह चुके माइकल, जो अब बाबा मोक्षपुरी के नाम से जाने जाते हैं, उन्होंने कहा, “मैं एक साधारण व्यक्ति था, जिसका अपना परिवार और करियर था। लेकिन मुझे एहसास हुआ कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है और मैं मोक्ष की तलाश में निकल पड़ा। मैंने अपना जीवन सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित कर दिया। प्रयागराज में यह मेरा पहला महाकुंभ है। यहां का आध्यात्मिक अहसास असाधारण और बेजोड़ है।”
महाकुंभ में कई देशों से पहुंचे हैं लोग, सबने शेयर किया अनुभव
वहीं स्पेन की क्रिस्टीना महाकुंभ की भव्यता को देखकर हैरान हो गईं। उन्होंने कहा, “यह एक अद्भुत पल है। मैं पहली बार इतने भव्य और अलौकिक आयोजन की गवाह बन रही हूं।”
वहीं विदेशी आगंतुक जूली ने संगम में डुबकी लगाकर एक अजब-सा आध्यात्मिक सुकून मिलने की बात कही। उन्होंने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, “मैं पवित्र जल में डुबकी लगाने का अवसर पाकर कृतज्ञ महसूस कर रही हूं। मुझमें पूर्णता का जो भाव जगा है, उसे मैं शब्दों में नहीं बयां कर सकती।”
पहली बार महाकुंभ में पहुंचे ब्राजील के योग साधक शिकू ने ‘मोक्ष’ की खोज को अपनी यात्रा का मकसद बताया। उन्होंने कहा, “भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है और इस बार 144 वर्षों बाद बना ग्रहों का दुर्लभ संयोग महाकुंभ को और भी खास बनाता है। मैं यहां आकर बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। जय श्रीराम।”
(इनपुट-पीटीआई)