लखनऊ: कभी समत था जब माफिया मुख्तार अंसारी का खौफ और आतंक यूपी, बिहार समेत देश के कई राज्यों में था। लोग उसके नाम से इतना डरते थे कि जिस काम के लिए वह मना कर दे उसे कोई कर नहीं सकता था। कहा जाता है कि सरकार के कई मंत्री और अधिकारी उसकी जेब में रहते थे। कहने के लिए वह पिछले कई वर्षों से जेल में कैद है लेकिन वह जेल में रहकर ही अपना गैंग चला रहा था। हालही में एक मामले में सूए दस साल की जेल हुई है, जिसके बाद वह एक बार फिर से चर्चा में आ गया है।
मुख्तार को उसके दोस्त 'लम्बू' कहकर पुकारते थे
माफिया मुख्तार अंसारी पर हत्या, अपहरण, रंगदारी समेत कई मुकदमे दर्ज हैं। पिछले लगभग डेढ़ दशक से वह जेल में बंद है लेकिन उसकी सेटिंग ऐसी है कि वह जेल में रहकर ही अपराधों को अंजाम देता रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके ऊपर दर्ज कई मामले तो उसके जेल में कैद रहने के दौरान ही दर्ज हुए हैं। मुख्तार अपने कॉलेज के समय से ही क्रिकेट खेलने का शौक़ीन रहा है। उसके दोस्त उसे लम्बू के नाम से पुकारते थे।
बेड़े में शामिल हैं करोड़ों की गाडियां
इसके साथ ही मुख्तार को लग्जरी गाड़ियों से ख़ास लगाव है। वह कई बार गाजीपुर की सड़कों पर बुलेट, एम्बेसडर कार और जीप पर अपने गुर्गों के साथ देखा जाता था। उसके गैराज में मारुति जिप्सी, टाटा सफारी, फोर्ड एंडेवर, पजेरो स्पोर्ट, ऑडी, बीएमडब्ल्यू समेत कई कारें खड़ी रहती थीं। इसके साथ ही उसकी ज्यादातर गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर में 786 होता था। एक बार तो साल 1986 में जेल से निकलने के बाद वह अपने घर तक लग्जरी गाड़ियों के काफिले में गया था। इस काफिले में शामिल सभी गाड़ियों का नंबर '786' से खत्म हो रहा था। बता दें कि मुस्लिम धर्म में '786' नंबर को बेहद ही पवित्र माना जाता है और आज के समय में अगर आपको भी यह नंबर चाहिए होता है तो शायद इसके लिए आपको करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं।
इस SUV को अपने बेड़े में शामिल नहीं कर पाया माफिया
माफिया के काफिले में कई SUV गाडियां हैं लेकिन उसे एक अपने काफिले में ख़ास गाड़ी रखने की इच्छा थी लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी। माफिया को खुली हुई जिप्सी और टाटा सफारी बेहद पसंद हैं। उसके काफिले में 5-6 टाटा सफारी शामिल भी हैं लेकिन उसकी सबसे पसंदीदा गाड़ी हमर थी। वह अपने कार संग्रह में हमर को शामिल करना चाहता था। इसके लिए उसने कई प्रयास भी किए लेकिन वह इसे अपने बेड़े में शामिल नहीं कर सका।