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SBI बैंक अधिकारियों के विदेश यात्रा खर्च पर मद्रास हाई कोर्ट का फैसला, जानिए क्या कहा

Madras High Court on SBI Officials: याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति एस एम सुब्रमण्यम ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अधिकारियों को मिलने वाली अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) के संबंध में केंद्र सरकार की नीति का पालन जनता के हित में किया जाना है। 

Edited by: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : June 27, 2022 23:48 IST
Madras High Court
Image Source : FILE PHOTO Madras High Court

Highlights

  • अधिकारियों ने 2014 में पारित विभिन्न आदेशों को चुनौती दी थी
  • 'विदेश यात्रा खर्च की प्रतिपूर्ति अधिकारियों को प्रदत्त पूर्ण अधिकार नहीं'
  • 'यह सेवा अधिकारों का उल्लंघन या सेवा शर्तों का उल्लंघन नहीं'

Madras High Court on SBI Officials: मद्रास हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि विदेश यात्रा खर्च की प्रतिपूर्ति को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के अधिकारियों को प्रदत्त पूर्ण अधिकार नहीं है। न्यायमूर्ति एस एम सुब्रमण्यम ने 24 जून को चेन्नई में 'ऑल इंडिया स्टेट बैंक ऑफिसर्स फेडरेशन' और नई दिल्ली में 'ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन' की एक रिट याचिका को खारिज कर दिया। 

इस याचिका में संबंधित अधिकारियों की ओर से वर्ष 2014 में पारित विभिन्न आदेशों को चुनौती दी गई थी। याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि अप्रैल, 2014 से पहले की तरह बैंक अधिकारियों के लिए एलटीसी/एचटीसी की सुविधा जारी रखी जाए, जिसके तहत विदेश यात्राओं को कवर किया जाता है।

'कोई द्विपक्षीय समझौता भी मौजूद नहीं है'

याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति एस एम सुब्रमण्यम ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अधिकारियों को मिलने वाली अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) के संबंध में केंद्र सरकार की नीति का पालन जनता के हित में किया जाना है। अदालत ने कहा कि पूर्व में विदेश यात्रा पर प्रतिपूर्ति की व्यवस्था भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी सेवा नियम, 1992 के नियम 44 के अनुरूप नहीं है, इसलिए इसे एसबीआई के अधिकारियों को प्रदत्त पूर्ण अधिकार के रूप में नहीं माना जा सकता है। इस संबंध में एसबीआई और अन्य पक्षकारों के बीच कोई द्विपक्षीय समझौता भी मौजूद नहीं है। 

न्यायाधीश ने कहा कि यह सेवा अधिकारों का उल्लंघन या सेवा शर्तों का उल्लंघन नहीं है, क्योंकि एसबीआई अधिकारी सेवा नियम, 1992 के नियम 44 के तहत एसबीआई अधिकारियों को दिए गए लाभ को वापस नहीं लिया गया है। अदालत ने कहा कि विदेश यात्रा खर्च की प्रतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए दी गई रियायत एक अतिरिक्त सुविधा थी, जिसे एक पत्र के माध्यम से दिया गया था, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आदेश और जारी परिपत्र के अनुसार सुविधा वापस ले ली गई थी। 

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