Wednesday, November 20, 2024
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'मदरसों ने दिए कई IAS, IPS अधिकारी', सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जानें मुस्लिम संस्थाओं ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के मदरसा एक्ट को लेकर बड़ा फैसला दिया है जिससे इसमें पढ़ने वाले छात्रों को बड़ी राहत मिली है। इस फैसले पर मुस्लिम पक्ष ने कहा कि मदरसों ने देश को कई IAS IPS दिए हैं।

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Updated on: November 05, 2024 18:53 IST
up madarsa act- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिम पक्ष की प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 5 नवंबर को उत्तर प्रदेश मदरसा एक्ट, 2004 की संवैधानिक वैधता को बरक़रार रखा है और इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फ़ैसले को ख़ारिज कर दिया है।अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने इस क़ानून को असंवैधानिक ठहराकर ग़लती की थी। बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इसी साल इस क़ानून को असंवैधानिक बताते हुए ख़ारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया था कि मदरसों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को नियमित स्कूलों में दाख़िला दिलाया जाए। उच्चतम न्यायालय ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी।

अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बाद मुस्लिम धार्मिक नेताओं और विपक्षी दलों ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम की वैधता को बरकरार रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और इसकी सराहना की। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मदरसे पूरी आजादी के साथ चल सकते हैं।

मदरसों ने देश को कई आईएएस और आईपीएस दिए

उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा बनाया गया कानून असंवैधानिक कैसे हो सकता है? इन मदरसों से हजारों लोग जुड़े हुए हैं और सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उन्हें बड़ी राहत मिली है। अब हम पूरी आजादी के साथ अपने मदरसे चला सकते हैं।" वहीं, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मदरसों ने देश को कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी दिए हैं।

मदरसों ने आजादी में अहम भूमिका निभाई 

अब्बास ने पीटीआई से कहा, ''अगर कोई मदरसा गलत रास्ते पर जा रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन सभी मदरसों को संदेह की नजर से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से इस कानून को सही और न्यायोचित पाया है, हम उसका स्वागत करते हैं। मदरसों ने देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई है। मदरसों ने हमें कई आईएएस, आईपीएस, मंत्री और राज्यपाल दिए हैं। मदरसों को इसी नजरिए से देखना गलत है।" 

जमीयत उलमा-ए-हिंद के मौलाना कब रशीदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बहुत बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा, "यह एक बहुत बड़ा संदेश है। जमीयत उलमा-ए-हिंद इसका स्वागत करता है।"

(इनपुट-पीटीआई)

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