8 नवंबर को पूर्ण चंद्रग्रहण लगने वाला है। चंद्रोदय के समय ग्रहण भारत के सभी स्थानों पर दिखाई देगा। हालांकि ग्रहण की आंशिक एवं पूर्णावस्था की शुरुआत भारत के किसी भी जगहों से दिखाई नहीं देगा, क्योंकि यह घटना भारत में चंद्रोदय के पहले ही प्रारंभ हो चुकी होगी। ये साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने बताया कि ग्रहण की पूर्णावस्था एवं आंशिक अवस्था दोनों ही का अंत देश के पूर्वी हिस्सों से दिखाई देगा। देश के बाकी हिस्सों से आंशिक अवस्था का केवल अंत ही दिखाई देगा। भारत के अलावा चंद्र ग्रहण दक्षिण अमरीका, उत्तर अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तर अटलांटिक महासागर तथा प्रशांत महासागर के क्षेत्रों में भी दिखाई देगा।
इस समय से शुरु होगा ग्रहण
चंद्र ग्रहण भारतीय समय अनुसार, 14.39 मिनट पर प्रारंभ होगा, जिसकी पूर्णावस्था 15.46 मिनट पर प्रारंभ होगी। ग्रहण की पूर्णावस्था का अंत 17.12 मिनट पर होगा तथा आंशिक अवस्था का अंत 18.19 मिनट पर होगा। भारत में अगला चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को घटित होगा, जो कि आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। इसके पहले भारत में चंद्र ग्रहण 19 नवंबर 2021 को घटित हुआ था।
इतने मिनट तक रहेगा ग्रहण
जानकारी के मुताबिक, देश के पूर्वी भाग में स्थित शहरों कोलकाता एवं गुवाहाटी में चंद्रोदय के समय ग्रहण की पूर्णावस्था चल रही होगी। कोलकाता में चंद्रोदय के समय से लेकर पूर्णावस्था के अंत तक की अवधि 20 मिनट की होगी तथा चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि 1 घंटा 27 मिनट की होगी। गुवाहाटी में चंद्रोदय के समय से लेकर पूर्णावस्था के अंत तक की अवधि 38 मिनट की होगी, जबकि वहां चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि 1 घंटा 45 मिनट की होगी।
इन शहरों में इतने मिनट तक चलेगा ग्रहण
देश के अन्य शहरों- दिल्ली, मुंबई, चेन्नई एवं बेंगलुरु में पूर्णावस्था के अंत के बाद चंद्रोदय होगा एवं उस समय आंशिक ग्रहण चल रहा होगा तथा उपर्युक्त शहरों में चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि क्रमश: 50 मिनट, 18 मिनट, 40 मिनट एवं 29 मिनट तक की होगी।
गौरतलब है कि चंद्र ग्रहण पूर्णिमा को घटित होता है, जब पृथ्वी सूर्य एवं चंद्रमा के बीच आ जाती है तथा ये तीनों एक सीधी रेखा में अवस्थित हो जाते हैं। पूर्ण चंद्र ग्रहण तब घटित होता है, जब चंद्रमा पूर्णतया पृथ्वी की प्रच्छाया से आवृत हो जाता है तथा आंशिक चंद्र ग्रहण तब घटित होता है, जब चंद्रमा का एक हिस्सा ही पृथ्वी की प्रच्छाया से ढक पाता है।