Highlights
- लुफ्थांसा एयरलाइन के पायलटों ने एक दिन की हड़ताल
- करीब 700 यात्री इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फंसे
- एयरपोर्ट के बाहर 100 से ज्य़ादा लोग इकट्ठा हो गए थे
Lufthansa Airline: जर्मनी की ‘लुफ्थांसा एयरलाइन’ ने पायलटों की हड़ताल के कारण अपनी दो उड़ानें रद्द कर दीं। इसके बाद शुक्रवार को करीब 700 यात्री इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पर फंस गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों के परिवार वाले और रिश्तेदार हवाई अड्डे के बाहर एकत्रित हो गए और पैसे वापस करने या कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग करने लगे। एयरपोर्ट के बाहर 100 से ज्य़ादा लोग इकट्ठा हुए। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुरुवार देर रात सवा 12 बजे उन्हें इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 के एक नंबर से वहां लोगों के एकत्रित होने की जानकारी मिली।
यात्रियों ने की टिकट के पैसे वापस करने की मांग
पुलिस उपायुक्त (हवाई अड्डा) तनु शर्मा ने बताया कि भीड़ के इकट्ठे होने से जाम भी लग गया। वे लोग टर्मिनल इमारत में फंसे अपने रिश्तेदारों की टिकट के पैसे वापस करने या कोई अन्य व्यवस्था करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने बताया कि बिना किसी पूर्व जानकारी के उड़ानें रद्द किए जाने से वे नाराज हो गए। बाद में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और हवाई अड्डा कर्मचारियों ने उन्हें शांत कराया। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि ‘लुफ्थांसा’ ने फ्रैंकफर्ट के लिए 300 यात्रियों के साथ देर रात दो बजकर 50 मिनट पर रवाना होने वाली उड़ान और 400 यात्रियों के साथ म्यूनिख के लिए देर रात 1 बजकर 10 मिनट पर रवाना होने वाली उड़ान रद्द कर दी थी। पुलिस ने बताया कि ‘लुफ्थांसा’ के पायलटों की एक दिन की हड़ताल के कारण दोनों उड़ानें ‘लुफ्थांसा’ के मुख्यालय की ओर से ही रद्द की गईं। पुलिस ने बताया कि एयरलाइन वैकल्पिक व्यवस्था करने की कोशिश कर रही है।
लुफ्थांसा की 1,000 से ज्यादा उड़ानें हुई थीं रद्द
बताते चलें कि जुलाई के महीने में भी जर्मन एयरलाइन लुफ्थांसा के लॉजिस्टिक और टिकटिंग कर्मचारियों के एक दिन की हड़ताल पर चले जाने से एयरलाइन की 1,000 से अधिक उड़ानों को रद्द करना पड़ा था। जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लुफ्थांसा की उड़ानों के इतने बड़े पैमाने पर रद्द होने से करीब 1.34 लाख यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी थी।